tomorrow the fast will be completed with Arghya to the rising sun
पटना: आस्था और सूर्य उपासना के महापर्व चैती छठ का पहला अर्घ्य आज संध्या समय श्रद्धालुओं ने गंगा नदी और अन्य जल स्रोतों पर पूरे विधि-विधान के साथ दिया। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल समेत कई हिस्सों में व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की।
चैती छठ व्रत में पहला अर्घ्य डूबते सूर्य को दिया जाता है। मान्यता है कि सूर्य की उपासना से स्वास्थ्य, ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। आज के इस पावन अवसर पर घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और पूरे वातावरण में छठी मैया के गीत गूंजते रहे।
4 अप्रैल 2025 को प्रातः 5:37 बजे व्रती उषा अर्घ्य (उगते सूर्य को अर्घ्य) देंगे, जिसके साथ ही इस कठोर व्रत का समापन होगा। व्रती उगते सूर्य को जल, दूध और प्रसाद अर्पित करेंगे। इसके बाद प्रसाद वितरण के साथ चार दिवसीय यह महापर्व समाप्त हो जाएगा।
बिहार के विभिन्न जिलों में छठ पर्व को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। घाटों की सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और मेडिकल कैंप जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। पटना के गंगा घाटों, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और अन्य शहरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।
चैती छठ कार्तिक छठ की तुलना में कुछ कम भीड़भाड़ वाला होता है, लेकिन इसकी धार्मिक महत्ता समान रहती है। छठ पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है और यह पर्व न केवल श्रद्धा बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।
कल प्रातः अर्घ्य के साथ यह पर्व अपने समापन पर पहुंचेगा, लेकिन श्रद्धालुओं की भक्ति और सूर्य उपासना का यह सिलसिला अनवरत चलता रहेगा।