वास्तविक कर्मयोग | Gyan Ganga
ईश्वर में स्थिर रहते हुए अपने सभी कर्तव्यों को पूर्ण करना ही वास्तविक कर्म योग है। बालक और महर्षि एक बार एक सात वर्ष का बालक एक महर्षि के पास आया! महर्षि को प्रणाम कर उसने अपनी जिज्ञासा उनके समक्ष...
हे ऋतुराज बसंत :अभिलाषा भरद्वाज DntvIndiaNews.com की और से सभी भारतवासियों को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं |
DntvIndiaNews.com की और से सभी देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ | बसंत पंचमी हे ! ऋतुराज प्रेमराज बसंत आपको वंदन हे ! प्रकृति नंदन स्वीकार करो मेरा अभिनन्दन ।। आ गया बसंत नई बहार लेकर शुभ बेला नव जीवन विहान लेकर।। मातृ सरस्वती सुर वाणी मन – तमस...
♨️प्रेरक प्रसंग♨️ज्ञान गंगा DntvIndiaNews.com
प्रेरक प्रसंग {संपत्ति बड़ी या संस्कार} दक्षिण भारत में एक महान सन्त हुए तिरुवल्लुवर। वे अपने प्रवचनों से लोगों की समस्याओं का समाधान करते थे। इसलिए उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके पास आते थे। एक बार वह एक नगर में पहुँचे। उनके प्रवचन...
{जल तरंग विहार} ज्ञान की बात अभिलाषा भरद्वाजDntvIndianews.com
आओ चलो नदी की सैर पर चलते हैं पानी में हम भी अपनी तस्वीर देखते हैं आसमा तो हमारा है ही जल धरती पर सूरज तेरा आकार देखते हैं आओ चलो नदी की सैर पर चलते हैं क्या विचार करें जीवन की आयु और कितने हैं प्राण बनकर...
“वास्तविक प्रसन्नता” का मूल रहस्य | Gyan Ki Baat
प्रसन्नता प्राप्ति का अद्भुत रहस्य| “प्रसन्नता” प्राप्ति का मुख्य रहस्य यह है कि जितने परिमाण में समाज की अंतरात्मा को हमारे कार्य प्रसन्न करेंगे उतनी ही प्रसन्नता का बोध हमें होगा । अपनी उत्कृष्ट कला, बुद्धि, कौशल या पुरुषार्थ परायणता से जब दूसरे लोग प्रसन्न होते हैं, तब...
विलुप्ति का समा बांधे [गीत सलिल] | Abhilasha Bhardwaj
विलुप्ति का समा बांधे ये मेरा मन है क्यूं भाजे मेरे मन की मेरे तन की मचलती आस तुम ही हो,,, मैं जब भी छोड़ कर आया तेरे दर को मेरे मालिक मैं कितनी दूर चला आया मैं खुद से दूर चला आया…. मैं रातों को अंधेरे में ...
किसान और चट्टान .DntvIndiaNews
एक किसान था, वह एक बड़े से खेत में खेती किया करता था। उस खेत के बीचों-बीच पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से ऊपर निकला हुआ था जिससे ठोकर खाकर वह कई बार गिर चुका था और ना जाने कितनी ही बार उससे टकराकर खेती के औजार भी...
एक माता आटा गूंध रही थीं। Story
एक माता आटा गूंध रही थीं। इतने में उसका चार साल का बच्चा जाग गया और रोना शुरु कर दिया। मां दौड़कर उसके पास आई और ढेर सारे खिलौने उसके पास डाल दिए, और एक-दो खिलौने उसके सामने बजा कर उसके हाथ में देना चाहती है। लेकिन…. बच्चा...
मन की समस्या क्या है? DntvIndiaNews:
पहली बात, वह यह, हमारे भीतर जो यह आकांक्षा और दौड़ होती है कि हम भर लें अपने को, फुलफिलमेंट की, पूर्णता की, पा लेने की, कुछ हो जाने की, यह दौड़ इसलिए पैदा होती है कि हमें अहसास होता है कि भीतर हम खाली हैं, भीतर अभाव...
यात्रा बहुत छोटी है। Story कमलेश दत्त मिश्र
गया/बिहार। एक वृद्ध महिला बस में यात्रा कर रही थी। एक बसस्टॉप पर बस रुकी व एक बड़बड़ाती हुई क्रोधी युवती बस में चढ़ी। वह बूढ़ी महिला के बगल में बैठ गई। उस क्रोधी युवती ने अपना सामान रखते हुए उस बूढ़ी महिला को बैग से कई बार...
स्वर्वेद के अन्दर कोश क्या है?
उत्तर- इन पाँच भौतिक शरीर में हृदय में स्थित सुषम्ना नाड़ी में आत्मा का निवास है, जिसकी चेतना को, जिसे सुरति कहते हैं, मन ग्रहण करके प्रकृति जगत का कार्य सम्पन्न करता है। यह प्राकृतिक कार्य है, जो आत्मा पर प्रकृति का आवरण पड़ जाने से सम्पन्न होता...
सत्य को सम्मान के साथ अपनाइए
“सत्य” भाषण वाणी का तप है, इससे “वाक सिद्धि” जैसी विभूतियाँ प्राप्त होती है, इसलिए सत्य भाषण का हर किसी को अभ्यास करना चाहिए उसके साथ ही “प्रिय भाषण” और “हित भाषण” के अलंकार भी जोड़ रखने चाहिए। सत्य तो बोलना ही चाहिए, पर साथ ही यह भी...
Covid-19) दान और सम्मान।
एक समय की बात है। एक नगर में एक कंजूस राजेश नामक व्यक्ति रहता था। उसकी कंजूसी सर्वप्रसिद्ध थी। वह खाने, पहनने तक में भी कंजूस था। एक बात उसके घर से एक कटोरी गुम हो गई। इसी कटोरी के दुःख में राजेश ने 3 दिन तक कुछ...
Covid-19) जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने खाया एक गरीब भारतीय लड़की का झूठा चावल*
मीराबाई चानू*, भारतीय ओलम्पिक वैटलिफ्ट विजेता की कहानी है यह। इस सत्य घटना को पढ़ने के बाद शब्द ही नहीं बचे हैं मेरे पास कुछ भी टिप्पणी करने के लिए। बस हज़ार बार 🙏 कर सकता हूँ इस आदमी जिजीविषा वाली महान मीरा चानू को। पढ़िए उनकी कथा...
Covid-19 ) निरंजन कौन है? वह निरंजन किन-किन रूपों में और कहाँ-कहाँ वास किया हुआ है उस निरंजन से छूटने का उपाय क्या है?
ऐ मित्रों! कबीर साहेब जी बीजक में कहे है कि यह दुःखमय संसार है। संसार की सारी सम्पदा क्षणिक अनित्य है, यानी सदैव साथ रहने वाली नहीं है। इसलिए तुम आवागमन त्रयताप दुःख से छूटने के लिए सार शब्द सत्पुरुष को समाधि द्वारा अनुभव प्राप्त करो, तब तुम...