जब मैंने इन विचारों को साझा किया, तो जैसे मेरी अव्यक्त भावनाएँ शब्दों में ढल गईं। यह एक असामान्य अनुभव…
कभी सूरदास ने एक स्वप्न देखा था कि रुक्मिणी और राधिका मिली हैं और एक दूजे पर न्योछावर हुई जा…
अपने स्वार्थों की प्रति जागरूक होना कोई कठिन काम नहीं है। सेवा , दया करुणा जैसे गुणों को कर्तव्य मार्ग…
जंगल हमारे लिए कितने अहम हैं ये बाद में मानव जाति समझ पाएगी । अभी वह झूठे अहम में फूल…
ब्रह्मांड में सब कुछ अपनी सीमा में निहित है । मात्र एक जीव (मनुष्य) जो अपनी नियंत्रण रेखा से बाहर…
दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार किया जाना चाहिए। यह नीति कहती है। बुरे कर्मों का परिणाम सदा बुरा…
1775 की दशक 6 मार्च इतिहासकार , इसकी उलेख में थोडा झलक है ....