कहानी

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Mahashivratri 2025

महाशिवरात्रि: एक आध्यात्मिक यात्रा और भक्तों की श्रद्धा

जब मैंने इन विचारों को साझा किया, तो जैसे मेरी अव्यक्त भावनाएँ शब्दों में ढल गईं। यह एक असामान्य अनुभव था, जहाँ शब्द नहीं, बल्कि भावनाएँ बोल रही थीं।

जितनी चीज़ें कृष्ण से छूटीं-उतनी किसी से नहीं छूटीं/बालक कन्हैया या महायोद्धा कृष्ण ?

कभी सूरदास ने एक स्वप्न देखा था कि रुक्मिणी और राधिका मिली हैं और एक दूजे पर न्योछावर हुई जा रही हैं। सोचता हूँ, कैसा […]

संकट में बाघ /जंगल

अपने स्वार्थों की प्रति जागरूक होना कोई कठिन काम नहीं है। सेवा , दया करुणा जैसे गुणों को कर्तव्य मार्ग पर जाने के लिए अभ्यास के साथ संस्कार भी महत्व रखते हैं। जीव सेवा परम है ।

स्वार्थ की अग्नि

जंगल हमारे लिए कितने अहम हैं ये बाद में मानव जाति समझ पाएगी । अभी वह झूठे अहम में फूल रहा है । जिस दिन विकास की गति रुकेगी ,
सब कुछ पा लेगा उस यह प्रकृति ही लुप्त हो जाएगी । आओ जंगलों को बचाएं । स्वार्थी लोगों पर अंकुश लगाएं।

साइलेंट वैली जस्टिस

दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार किया जाना चाहिए। यह नीति कहती है। बुरे कर्मों का परिणाम सदा बुरा ही होता है। प्रकृति आपको जीना सिखाती है आपका लालन पालन करती और मानव ही आज उसके लिए दानव बन गया है । तो दानव तु इतना भी समर्थ नहीं की प्रकृति से जीत पाए वो तेरी मां है और मां को चुनौती देना अपने अंत को प्राप्त करना है। अहिंसा परमो धर्म:ll

प्रतिस्पर्धा/गति या दुर्गति एक लघु विश्लेषण Story Dntvindianews.com abhilasha bhardwaaj

 कभी सोचा है इस भागती दौड़ती जिंदगी का मकसद क्या है,, सिर्फ़ दो जून की रोटी , समय से रस्सा कसी है,या अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं […]

15 फरवरी प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी श्री बद्रीदत्त पांडेय का जन्म दिवस पर उनके पत्रकारिता का प्रभावशाली व्यक्तित्व पर एक नजर।

उत्तरांचल राज्य मुख्यतः दो पर्वतीय क्षेत्रों, गढ़वाल और कुमाऊं से मिल कर बना है। कुमाऊं को प्राचीन समय से कूर्मांचल कहा जाता है। यहां के […]