आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मनुष्य को पहले ही पता चल जाता है । ऐसे में वह स्वयं भी हथियार डाल देता है अन्यथा […]
भागवत कथा
आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मनुष्य को पहले ही पता चल जाता है । ऐसे में वह स्वयं भी हथियार डाल देता है अन्यथा […]
महाभारत का युद्ध चल रहा था। अर्जुन के सारथी श्रीकृष्ण थे। . जैसे ही अर्जुन का बाण छूटता, कर्ण का रथ दूर तक पीछे चल […]
देवराज इंद्र और धर्मात्मा तोते की यह कथा महाभारत से है। कहानी कहती है, अगर किसी के साथ ने अच्छा वक्त दिखाया है तो बुरे […]
जीवन जोवत राज मद, अविचल रहे न कोय। जू दिन जाय सत्संग में, जीवन का फल सोए।। एक शिष्य अपने गुरु के पास आकर बोला, […]
भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया और इसी उपदेश को सुनकर अर्जुन को ज्ञान की प्राप्ति हुई। […]
एक बार सात्यकि, बलराम एवं श्रीकृष्ण यात्रा कर रहे थे । यात्रा करते-करते रात हुई तो उन्होंने जंगल में पड़ाव डाला और ऐसा तय किया […]
ना भगवान, ना गृह-नक्षत्र, ना भाग्य, ना रिश्तेदार, ना पडोसी, ना सरकार, जिम्मेदार आप स्वयं है 1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम 2) पेट […]
एक बार देवर्षि नारद अपने शिष्य तुम्बरू के साथ मृत्युलोक का भ्रमण कर रहे थे। गर्मियों के दिन थे। गर्मी की वजह से वह पीपल […]
बहुत सुन्दर प्रश्न है, यदि हमसे अनजाने में कोई पाप हो जाए तो क्या उस पाप से मुक्ती का कोई उपाय है। श्रीमद्भागवत जी के […]
छोटी लड़की ने गुल्लक से सब सिक्के निकाले और उनको बटोर कर जेब में रख लिया, निकल पड़ी घर से – पास ही केमिस्ट की […]
“अनासक्त भाव से कर्म करना”। कर्म के सही स्वरूप का ज्ञान। कर्मयोग दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘कर्म’ तथा ‘योग’ । कर्मयोग के […]
इसे जानने के लिए हमें उस शब्द पर विचार धारा करना है . उसमें प्रकृति और प्रत्यय रूप 2 शब्द हैं–भग + वान् . भग […]
भरतजी तो नंदिग्राम में रहते हैं, शत्रुघ्न जी महाराज उनके आदेश से राज्य संचालन करते हैं। . एक एक दिन रात करते करते, भगवान को […]
एक ब्राहम्ण था जो भगवान को भोग लगाये बिना खुद कभी भी भोजन नहीं करता था। . हर दिन पहले गोपाल जी के लिए खुद […]