विज्ञान देव जी महाराज के आरा, आगमन की तैयारी
बैठक में भाग लेती महिला एवं पुरुष
अनंत श्री सद्गुरु महर्षि सदाफलदेव जी महाराज की 137 वीं जन्म जयंती के दो दिवसीय भव्य व दिव्य समारोह।
22 अगस्त 2024 137वीं जन्मजयंती।
ईश्वर की श्रेष्ठतम कृति है मानव
अनन्त श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज का दर्शन कहता है कि सारी समस्याओं का मूल कारण,मन का हमारे नियंत्रण में नहीं होना है।
ईश्वर की श्रेष्ठतम कृति है मानव
29 अगस्त 2024 को संत श्री विज्ञान देव जी महाराज का आरा में आगमन
विहंगम योग शताब्दी समारोह व महोत्सव, 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ
नोएडा/उत्तरप्रदेश । 17 अगस्त 2024 संकल्प_यात्रा @विहंगम योग सन्त समाज की स्थापना का शताब्दी समारोह महोत्सव, 25000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त कन्याकुमारी से कश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा ।
स्वतंत्रता आंदोलन में सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज का अदभुत योगदान
जेल यात्रा में स्ववेंद की विषय सूची तैयार किए थे -- स्वामी सदाफलदेव जी महाराज
ब्रह्म विद्या विहंगम योग संत समाज|महुली
संत न होते जगत में, को जानत भगवान ।
कीट श्वान बीतता,मनुज जीवन महान ।।
मानव जीवन परमात्मा की देन हैं|
प्रकृति ईश्वर का प्रकटीकरण है, इसमें भी सबसे सुंदर परमात्मा ने मानव को बनाया है,
कार्यालय सह सत्संग भवन महाराजा हाता गली न0–2 में सत्संग सह बैठक आयोजित किया गया।
भाव का शुद्ध होना- समर्पित होना ही भक्ति का प्रमुख लक्षण है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संतप्रवरश्री विज्ञान देव से लिया आशीर्वाद।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक आयोजित राष्ट्रव्यापी संकल्पयात्रा के दौरान रायपुर में आगमन और संतप्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज से लिया आशीर्वाद।
मन की चाल कुचाल है,जीव ही उबट चलाए। मन फंदा में जीव पड़े,बीन सद्गुरु कौन छुडाय ।।
नव द्बारा संसार का, दसवां योगी तार।
एकादश खिरकी बनी,शब्द महल सुखसार ।।
अचानक मुझे ऐसा लगा कोई अदृश्य दिव्य शक्ति आकर,
संस्मरण-अचानक मुझे ऐसा लगा कोई अदृश्य दिव्य शक्ति आकर,वहाँ पर रखी हुई एक चौकी पर विराजमान हो गई ! वह शक्ति डाँट कर बोली – मन को रोको ! मैं उपदिष्ट भूमि पर अपने चंचल मन को एक झीलमिली ज्योति के रूप में देखा! मैं उसी स्थिति में...
एक रुपये का सिक्का |
₹1 का सिक्का मेरे हाथ में क्यों थमाया ? ब्राह्मण व्यक्ति उत्तर देते हुए कहते हैं कि, मैं कई दिनों से कोई दरिद्र व्यक्ति ढूंढ रहा हूं जिसे ₹1रुपय दे सकूं।
अक्षर के कंम्पन से परमाणु में गति | स्ववेँद
स्ववेँद कि वाणी कहती हे इसका नाश निश्चित हे लेकिन सदगुरु भगवान ने इन कारण प्रकुति से सुरक्षीत होने के लीये कुछ आदेश नियम अनुशासन बनाये हे जो जीव इसका पालन करेगा