माया का विस्तार स्थूल जगत् में तो है ही, परन्तु सूक्ष्म, झीनी माया सब घट में समाकर आत्मस्वरूप को ढाँपी…
कर्म और अकर्म का ज्ञान रहस्यपूर्ण योगियों का ज्ञान है। शुभाशुभ दो प्रकार के कर्म होते हैं, जिनके फल कर्म…
नित्य अनादि सदगुरु श्री कबीर साहेब ने अपने प्रमुख ग्रन्थ बीजक में यह महत्वपूर्ण उपदेश दिया है, इस पृथ्वी के…
आरा/भोजपुर | महर्षि सद्गुरु सदाफल देव आश्रम सेमरांव भोजपुर जिला संत समाज को संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज के…
एक बार तन्विक को घर के मुखिया होने का अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं…
परमाराध्य महर्षि सदाफल देव जी महाराज की आदर्श शिष्या सुगरी देवी थी। उसका बचपन का नाम चमेली था। उसकी शादी…
मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे सत्संग नही होता-- मनुष्य…
दया करें सब जीव पर देखें अंतर आत्मा त्याग देह अभिमान “ विहंगम योग कि अंतिम श्रेणी में द्रस्य शरीर…
सद्गुरु भगवान् का अमृत उपदेश:- मन बहुत दिनों से विषयों में लगा है तथा विषयों को भोगा है, विषय किया…
कबीर परमात्मा इस वाणी में कहते हैं कि हे मानव तू इस सुंदर देह का अहंकार करता है अगर भगवान…