ब्रह्मविद्या विहंगम योग

भजन करें! इसमें विलम्ब क्यों ब्रह्मविद्या विहंगम योग दर्शन–दिग्दर्शन| Darshan

माया का विस्तार स्थूल जगत् में तो है ही, परन्तु सूक्ष्म, झीनी माया सब घट में समाकर आत्मस्वरूप को ढाँपी…

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प्रश्न(Question_ कर्म, अकर्म तथा विकर्म क्या है? जीवन्मुक्त योगी का कर्म किस प्रकार होता है?]

कर्म और अकर्म  का ज्ञान रहस्यपूर्ण योगियों का ज्ञान है। शुभाशुभ  दो प्रकार के कर्म होते हैं, जिनके फल कर्म…

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नित्य अनादि सदगुरु श्री कबीर साहेब ने अपने प्रमुख ग्रन्थ बीजक के महत्वपूर्ण उपदेश | स्वर्वेद (Swarved)

नित्य अनादि सदगुरु श्री कबीर साहेब ने अपने प्रमुख ग्रन्थ बीजक में यह महत्वपूर्ण उपदेश दिया है, इस पृथ्वी के…

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महर्षि सद्गुरु सदाफल देव आश्रम सेमरांव आरा | DntvIndiaNews

आरा/भोजपुर | महर्षि सद्गुरु सदाफल देव आश्रम सेमरांव भोजपुर जिला संत समाज को  संत प्रवर श्री विज्ञानदेव जी महाराज के…

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अभिमान अक्ल को खा जाता है|DntvIndiaNews

एक बार तन्विक को घर के मुखिया होने का अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं…

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संस्मरण-आदर्श शिष्या सुगरी देवी कौन थी ? जिनका नाम विहंगम योग इतिहास में अंकित है। अवश्य पढ़ें

परमाराध्य महर्षि सदाफल देव जी महाराज की आदर्श शिष्या सुगरी देवी थी। उसका बचपन का नाम चमेली था।  उसकी शादी…

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सत्संग_की_महिमा/ 24Dec23

मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे सत्संग नही होता-- मनुष्य…

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स्ववेँद

दया करें सब जीव पर देखें अंतर आत्मा त्याग देह अभिमान “ विहंगम योग कि अंतिम श्रेणी में द्रस्य शरीर…

2 years ago

अभ्यास में मन ठीक-ठीक नहीं लगता, इसका क्या कारण है?

सद्गुरु भगवान् का अमृत उपदेश:- मन बहुत दिनों से विषयों में लगा है तथा विषयों को भोगा है, विषय किया…

2 years ago

“सुन्दर देहि देखकर उपजत हैं अनुराग”। “चाम न होता देही पर जीवित खाते काग”।।

कबीर परमात्मा इस वाणी में कहते हैं कि हे मानव तू इस सुंदर देह का अहंकार करता है अगर भगवान…

2 years ago