एक बार तन्विक को घर के मुखिया होने का अभिमान हो गया कि उसके बिना उसके परिवार का काम नहीं… Read More
परमाराध्य महर्षि सदाफल देव जी महाराज की आदर्श शिष्या सुगरी देवी थी। उसका बचपन का नाम चमेली था। उसकी शादी… Read More
मनुष्य के जीवन मे अशांति ,परेशानियां तब शुरु हो जाती है जब मनुष्य के जीवन मे सत्संग नही होता-- मनुष्य… Read More
सद्गुरु भगवान् का अमृत उपदेश:- मन बहुत दिनों से विषयों में लगा है तथा विषयों को भोगा है, विषय किया… Read More
कबीर परमात्मा इस वाणी में कहते हैं कि हे मानव तू इस सुंदर देह का अहंकार करता है अगर भगवान… Read More
वैदिक ब्रह्मविद्या विहंगम योग मार्ग _सीखने के लिए उत्सुक, अधिकार में शिष्टता, ज्ञान में अनुग्रह, अधिक अंतर्दृष्टि के लिए जिज्ञासा, छोटी-छोटी… Read More
साप्ताहिक आनलाइन स्वर्वेद अंताक्षरी सत्र का मूल उद्देश्य स्वर्वेद के दोहे/चौपाई के माध्यम से ब्रह्मविद्या विहंगम योग के सैद्धांतिक… Read More
उत्तर- संत-महात्माओं का दर्शन करना, उनका प्रवचन सुनना, यह सत्संग की प्रारंभिक सीढ़ी है। केवल इतना से ही सत्संग की… Read More
दिनांक – 13अप्रैल 2021 (120 मिनट, मंगलवार)**अतिथि वक्ता* - *श्रीमान अजीत सिन्हा जी, दंडकवन आश्रम, गुजरात* *परिचय* –श्री अजीत सिन्हा… Read More