ज्ञान की बात

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नारी विशेष

नारी आज का अति सोचनीय विषय है । आज के समय को देखते हुए नारी की अस्मिता तार तार हो रही है। जगह जगह नारी शोषण , अत्याचार , बलात्कार , घटनाएं देखने को मिल रही हैं। आखिर क्या हो गया है इस पंगु समाज की सोच को ।

उठा लो मन को पर्वत सा

जब भी मन जोश से पूर्ण होता है,वह ऊंची ऊंची पर्वत श्रृंखला को भी जीत लेता है,मन को सदैव ऊर्जावान बनाए रखने का संकल्प अच्छे विचारों से सहमती है । ” मन के हारे हार है मन के जीते जीत “।

अंतर्मन का चित्रण

मन मनुष्य का वह द्वार है जिसमें प्रवेश करने के बाद हमारी सम्पूर्ण जीवन की मनो वृति ही परिवर्तित हो जाती है । कहा गया है, “मन हमारा मित्र भी है और शत्रु भी”।