जीवन में कुछ भी असंभव नहीं। पाने की जिज्ञासा जानने का हठ हर बाधा को पार करा देता है।
ज्ञान की बात
दुर्बल मन:स्थिति के लोग प्रायः अशुभ भविष्य की कल्पनाएँ करते रहते हैं। विपत्तियों और असफलताओं की आशंकाएँ उनके मन पर छाई रहती हैं। वे ऐसे […]
सद्विचारों की सतत बहने वाली गंगोत्री| भाव
हमारी शिक्षा और व्यवस्था, आलेख
१७ नवंबर २०२४, रविवार
– मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष द्वितीया, संवत २०८१
अपूर्णता: संसार में पूर्ण कुछ नहीं है। केवल ब्रह्म को ही पूर्ण कहा जाता है, जिसके विषय में शुक्ल यजुर्वेद के शांतिपाठ में वर्णित है: […]
१६ नवंबर २०२४ शनिवार”
मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष प्रतिपदा २०८१
१५ नवंबर २०२४ शुक्रवार- ‼️
-कार्तिक शुक्लपक्ष पूर्णिमा २०८१
‼ -१४ नवंबर २०२४ गुरुवार- ‼️
-कार्तिक शुक्लपक्ष त्रयोदशी २०८१-
१३ नवंबर २०२४ बुधवार-
कार्तिक शुक्लपक्ष द्वादशी २०८१
१२ नवंबर २०२४ मंगलवार- ‼️
-कार्तिक शुक्लपक्ष एकादशी २०८१
११ नवंबर २०२४ सोमवार- ‼️
-कार्तिक शुक्लपक्ष दशमी २०८१
१० नवंबर २०२४ रविवार- ‼️
-कार्तिक शुक्लपक्ष नवमी २०८१
०९ नवंबर २०२४ शनिवार- ‼️
-कार्तिक शुक्लपक्ष अष्ट्मी २०८१
युधिष्ठिर ने उत्तर में कहा- “हे यक्ष! सूर्य को ब्रह्म उदित करता है। देवता उसके चारों ओर चलते हैं। धर्म उसे अस्त करता है और वह सत्य में प्रतिष्ठित है।”