ज्ञान की बात

चाह्तों के जहाजों पर अक्सर आशाएं रोज सफर करती हैं KAVITA

 क्या लिखूं.....?ऐसा जो हर किसी के लिए एक रौशनी बन जाए आंसू की एक एक बूँद सबके लिए दीप बनकर  जगमगाए…

1 year ago

मोहग्रस्त नहीं, विवेकवान बनें / फाल्गुन कृष्णपक्ष द्वादशी-2080

मानस संजीवनी ज्ञानपीठ (सनातन वैदिक शिक्षा एवं शोध संस्थान) परिवार के प्रति हमें सच्चे अर्थों में कर्त्तव्यपरायण और उत्तरदायित्व निर्वाह…

1 year ago

मां तुझको अर्पण मेरे जीवन की फुलवारी है| TODAY,S POEM

 मां तुझको अर्पण मेरे जीवन की फुलवारी है तुच्छ समर्पण मेरा तुझको मां तु कितनी प्यारी हैमस्तक पर कर्तव्य का भार…

1 year ago

मैंने सुना है …{आज की कविता } abhilasha bhardwaj

मैंने सुना है वो रात के किनारों पर सुनसान अकेली राहों पर मेरे क़दमों में देखि है मैंने वो फड़कती कोंधतीबिजली सी      …

1 year ago

हम कहाँ खड़े हैं ..? समाज और राष्ट्र के लिए हमारा कर्तव्य क्या है ..?

    नैतिकता केवल किताबों में ही अच्छी लगती है, नैतिकता का पालन सत्ता में यदि हो तो राष्ट्र निर्माण होता…

1 year ago

हमे सेवा की कद्र करनी चाहिए जब भी सेवा मिले|

 संचित कर्मों का ऐसा ही पहाड़ बना हुआ है जिसमें शुभ अशुभ दोनो ही कर्म हैं जय सदगुरुदेव ईश् हमारे कर्म कितने…

1 year ago

कभी मौका दो …..{आज की कविता } ABHILASHA BHARDWAJ

 कभी मौका दो खुद को कदम कदम मुस्कुराने का फूल तो हर हाल में मुस्कुराया करते हैं कभी तरीका दो खुद को  वक्त के …

1 year ago

जब तक विकार रुपी १९ ऊँटो को दूर नहीं किया जाए ,तब तक सच्चा सुख शांति ,संतोष व् आनंद की प्राप्ति नहीं की जा सकती | {story}

मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को,19 ऊंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को, और 19 ऊंटों…

1 year ago