दुःख की परिस्थिति में अपनी हिम्मत कभी नहीं टूटनी चाहिए। हौंसला मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र है ।
मनुष्य के विचारों में यदि प्राण हैं तो वे क्रांति को जन्म देते हैं, क्रांति परिवर्तन करती है। परिवर्तन लहू…
बात की महिमा अनंत अपार है । बात ही कारण और बात ही निराकरण है ऐसी परिभाषा है बात की…
कविता का भावार्थ यह है कि हम जिस भी परिस्थिति में हों स्वयं से प्रति साहस से पूर्ण उम्मीद को…
०३ अगस्त २०२४ शनिवार- ‼️ -श्रावण कृष्णपक्ष चतुर्दशी २०८१-
आनंद की दौड़ भले ही धीमी हो पर वह एक ऐसी व्यवस्था है जो अंतर को उजाले से भर देती…
जितना अहंकार को त्याग कर आप प्रकृति के समीप जाएंगे , वह उतना ही आपको स्नेह करेगी यह एक दम…
०१ अगस्त २०२४ गुरुवार- ‼ -श्रावण कृष्णपक्ष द्वादशी २०८१
"मूल उद्देश्य" समता का मूल अर्थ है, समानता । समानता अपने अर्थ में एक दम सरल जान पड़ती है किंतु…