क्योँ तुम आज भी जीवंत ही खड़े हो ....?क्या पीड़ा से तुम डरे नहीं .....?क्या पुन्य के प्रभाव गीत तुम…
आज हर तरफ भुखमरी देखि है मैंने आँखों में पानी दर्द में सनी लाचारी देखी है मैंने बेजुबानों की बात तो छोड़…
मुसाफिर हूँ अपना सफर है अपनी ही कहानी लिखता हूँ ......जो छिपी है ,तुझमें असीम गहराइयाँ उसमें डूब खो जाना चाहता हूँ मुसाफिर हूँ…
प्रिय वृक्ष प्रिय वृक्ष तुम्हारी लता रुपी झरोखों से नित ही मैं सूरज की नृत्य करती रश्मियों को देखकर आह्लादित होता हूँ ये नृत्य…
अभी उड़ना बाकी है उड़ना अभी बाकी है क्यूंकि आशाओं की शान अभी बाकी है थम चुकी भावनाओं का मान अभी बाकी है सपनों…
"अगर तुम समझती मेरी भाषा तो जीवन है हर पल एक प्यारी सी आशा ... अभिव्यक्ति…
विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा विलुप्त हो रहा निश्चय तेरातु निज धर्म भुला कर…
मैं बाग़ की नन्हीं कलियों में " मैं बाग़ की नन्ही कलियों में सवेरा निशदिन ढूंढ कर लाई | सूरज की…
आज भारत ही नहीं सारे संसार की बड़ी भयावह स्थिति हो गई है । संसार एक ऐसे बिंदु के समीप…
मिट्टी एक जीवन स्वरुप मिट्टी की तरह बनकर देखो हर सांचे में ढलकर देखो पलती है कर्मठ धरणी परकरने समर्पण जीवन कोदाहकता में…