ज्ञान की बात

क्योँ तुम आज भी {आज की काव्य पंक्तियाँ } abhilasha bhardwaj

 क्योँ तुम आज भी जीवंत ही खड़े हो ....?क्या पीड़ा  से तुम डरे नहीं  .....?क्या पुन्य के प्रभाव गीत तुम…

1 year ago

भुखमरी {आज की कवता } Abhilasha Bhardwaaj

आज हर तरफ भुखमरी देखि है मैंने आँखों में पानी दर्द में सनी लाचारी देखी है मैंने बेजुबानों की बात तो छोड़…

1 year ago

मुसाफिर हूँ {आज की कविता } Abhilasha Bhardwaaj

मुसाफिर हूँ अपना सफर है अपनी ही कहानी लिखता हूँ ......जो छिपी है ,तुझमें असीम गहराइयाँ उसमें डूब खो जाना चाहता हूँ मुसाफिर हूँ…

1 year ago

प्रिय वृक्ष {आज की कविता } ABHILASHA BHARDWAJ

 प्रिय वृक्ष प्रिय वृक्ष तुम्हारी लता रुपी झरोखों से नित ही मैं सूरज की नृत्य करती रश्मियों को देखकर आह्लादित होता हूँ ये  नृत्य…

1 year ago

अभी उड़ना बाकी है {आज की कविता } Abhilasha Sharma

अभी उड़ना बाकी है उड़ना अभी बाकी है क्यूंकि आशाओं की शान अभी बाकी है थम चुकी भावनाओं का मान अभी बाकी है सपनों…

1 year ago

“अगर तुम समझती मेरी भाषा {आज की कविता } Abhilasha Bhardwaaj

 "अगर तुम समझती  मेरी भाषा             तो जीवन  है हर पल एक प्यारी सी आशा ...  अभिव्यक्ति…

1 year ago

विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा ,{आज की कविता } Gyan ki Baat

     विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा विलुप्त हो रहा  निश्चय तेरातु निज धर्म भुला कर…

1 year ago

नन्हीं चिड़िया abhilasha bhardwaaj

मैं बाग़ की नन्हीं कलियों में " मैं  बाग़  की  नन्ही  कलियों  में  सवेरा निशदिन  ढूंढ कर लाई |   सूरज की…

1 year ago

अपनी प्रार्थनाओं में लोगों को सद्बुद्धि मिलने का भी भाव रहना चाहिए Gyan Ganga

आज भारत ही नहीं सारे संसार की बड़ी भयावह स्थिति हो गई है । संसार एक ऐसे बिंदु के समीप…

1 year ago

मिट्टी की तरह बनकर देखो {लघु कविता}Abhilasha Bhardwaaj

मिट्टी एक जीवन स्वरुप  मिट्टी की तरह बनकर देखो हर सांचे में ढलकर देखो पलती है कर्मठ धरणी परकरने समर्पण जीवन कोदाहकता में…

1 year ago