श्रीराम और भरत के संवाद में निहित जीवन संदेश — जहाँ दण्ड का अर्थ करुणा और क्षमा से पुनः परिभाषित हुआ। जानिए रामायण का यह अमर सत्य।
ज्ञान की बात
जानिए मनुष्य के कर्मों का फल क्या होता है। यह प्रेरक कथा बताती है कि दूसरों की बुराई करने से पाप का हिस्सा हमारे खाते में जुड़ जाता है।
फूलों से सजी राधा-कृष्ण की भव्य झांकी भक्तों को भक्ति, सौंदर्य और अलौकिक शांति का अनुभव कराती है।
मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता है। उसकी सफलता या असफलता विचारों की दिशा पर निर्भर करती है। आइए जानें, क्यों विचार शक्ति को परिष्कृत करना जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
श्री राधा-कृष्ण की यह मनोहारी प्रतिमा भक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम दर्शाती है। पुष्पों और अलंकारों से सुसज्जित यह मंदिर दृश्य भक्तों को शांति और आनंद का अनुभव कराता है। इस दिव्य झांकी में भक्ति की मधुर धारा प्रवाहित होती है, जो हृदय को पवित्र और आत्मा को प्रसन्न करती है।
भक्ति हमारे जीवन को धैर्य और प्रसन्नता से भर देती है। श्री राधा-कृष्ण और संकटमोचन हनुमान जी के दिव्य श्रृंगार दर्शन के माध्यम से जानें कि किस प्रकार भक्ति हमें विषमताओं में भी धैर्यवान और आनंदमय जीवन जीने की शक्ति देती है।
राधा-कृष्ण की मनमोहक छवि और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा की अलौकिक झांकी, श्रद्धा और भक्ति का जीवंत प्रतीक हैं। यह दृश्य न केवल सौंदर्य से परिपूर्ण है, बल्कि आस्था की ऊर्जा से भी भरपूर है।
दुःख के बाद सुख और संकट के बाद सुविधा आना प्रकृति का अटल नियम है। हमें बस इतना समझना है कि संकट आने पर क्या करें-क्या न करें पढ़े
देश-भक्ति, आदर्श-भक्ति, ईश्वर-भक्ति आदि के रूपों में त्याग-बलिदान के, तप-साधना के अनुकरणीय आदर्शवादिता के अनेकों उदाहरण | जरूर पढ़े
ईश्वर की न्याय व्यवस्था
सभ्यता और शिष्टाचार किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने वाले दो अनमोल रत्न हैं। इन दोनों का पारस्परिक संबंध इतना घनिष्ठ है कि एक […]
क्षमताओं और अच्छाइयों को छिपाकर रखने से न केवल व्यक्ति स्वयं नुकसान उठाता है, बल्कि समाज भी उससे वंचित रह जाता है
हर दिशा में हमारे और दूसरों के जीवन को बेहतर बनाता है। मानसिक वातावरण
ईश्वर की न्याय व्यवस्था के अनुसार वैसा ही फल
“समय” ही जीवन है। यह हमारी सबसे अनमोल संपत्ति है, जिसे भगवान ने हमें जीवन की पूंजी के रूप में प्रदान किया है। इसका उपयोग […]