एक बार तुलसीदास जी महाराज को किसी ने बताया की जगन्नाथ जी मैं तो साक्षात भगवान ही दर्शन देते हैं बस फिर क्या था सुनकर […]
भागवत कथा
कथा का आरंभ तब का है जब बाली को ब्रम्हा जी से ये वरदान प्राप्त हुआ ! जो भी उससे युद्ध करने उसके सामने आएगा, […]
द्रौपदी के स्वयंवर में जाते वक्त “श्री कृष्ण” ने अर्जुन को समझाते हुए कहते हैं कि, हे पार्थ तराजू पर पैर संभलकर रखना, संतुलन बराबर […]
लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला. अंतत: मेघनाद मारा गया. रावण जो अब तक मद में चूर था राम […]
राम,लखन,भरत,शत्रुघ्न चारों भाईयों के बचपन का एक प्रसंग है….. जब ये लोग गेंद खेलते थे। तो लक्ष्मण राम की साइड उनके पीछे होते थे और […]
एक बार भगवान विष्णु गरुड़जी पर सवार होकर कैलाश पर्वत पर जा रहे थे। रास्ते में गरुड़जी ने देखा कि एक ही दरवाजे पर दो […]
एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक सन्त ने अपना बसेरा किया हुआ था। […]
मोक्ष का अर्थ होता है मुक्ति। अधिकतर लोग समझते हैं कि मोक्ष का अर्थ जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति। बहुत से लोग मानते हैं कि […]
*’एक’ सेठ जी भगवान “श्रीकृष्ण” जी के परम भक्त थे। वे निरंतर उनका जाप करते और सदैव उनको अपने अन्तःकरण में बसाए रखते थे।* *वो […]
एक गुरूजी थे । हमेशा ईश्वर के नाम का जाप किया करते थे । काफी बुजुर्ग हो गये थे । उनके कुछ शिष्य साथ मे […]
एकटक देर तक उस सुपुरुष को निहारते रहने के बाद बुजुर्ग भीलनी के मुह से बोल फूटे- कहो राम! सबरी की डीह ढूंढने में अधिक […]
एक बार महर्षि नारद धर्म के ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन बन में जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ा घनी छाया वाला […]
एक गांव में एक बहुत समझदार और संस्कारी औरत रहती थी… एक बार वह अपने बेटे के साथ सुबह-सुबह कहीं जा रही थी तभी एक […]
एक गांव में एक बहुत समझदार और संस्कारी औरत रहती थी… एक बार वह अपने बेटे के साथ सुबह-सुबह कहीं जा रही थी तभी एक […]
दुःख ईश्वर का प्रसाद है। जब भगवान(गुरुदेव) सृष्टि की रचना कर रहे तो उन्होंने जीव को कहा कि तुम्हे मृतुलोक जाना पड़ेगा,मैं सृष्टि की रचना […]