एक जंगल के दोनों ओर अलग-अलग राजाओं का राज्य था. और उसी जंगल में एक महात्मा रहते थे जिन्हे दोनों राजा अपना गुरु मानते थे. […]
भागवत कथा
एक जादूगर जो मृत्यु के करीब था, मृत्यु से पहले अपने बेटे को चाँदी के सिक्कों से भरा थैला देता है और बताता है की […]
एक शिष्य था समर्थ गुरु रामदास जी का जो भिक्षा लेने के लिए गांव में गया और घर-घर भिक्षा की मांग करने लगा। *समर्थ गुरु […]
श्रीकृष्ण सच्चिदानन्दघन परब्रह्म परमात्मा हैं । यह सारा संसार उन्हीं की आनन्दमयी लीलाओं का विलास है । श्रीकृष्ण की लीलाओं में हमें उनके ऐश्वर्य के […]
मथुरा से गोकुल में सुखिया नाम की मालिन फूल फल बेचने आया करती थी। जब वह गोकुल में गोपियों के घर जाया करती तो हमेशा […]
बनारस में उस समय कथावाचक व्यास डोगरे जी का जमाना था। बनारस का वणिक समाज उनका बहुत सम्मान करता था। वो चलते थे तो एक […]
काशी में एक जगह पर तुलसीदास रोज रामचरित मानस को गाते थे वो जगह थी अस्सीघाट। उनकी कथा को बहुत सारे भक्त सुनने आते थे। […]
दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के फल भी नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में […]
बाल कृष्ण की लीलाए बड़ी मनमोहनी है, बड़े-बड़े ऋषि मुनि भी भगवान श्री कृष्ण की इन लीलाओ का चिंतन करते रहते है और इन्ही लीलाओ […]
एक बार की बात है वीणा बजाते हुए नारद मुनि भगवान श्रीराम के द्वार पर पहुँचे *नारायण नारायण !!* *नारदजी ने देखा कि द्वार पर […]
रामजी लंका पर विजय प्राप्त करके आए तो, भगवान ने विभीषण जी, जामवंत जी, अंगद जी, सुग्रीव जी सब को अयोध्या से विदा किया। तो […]
कलियुग केवल नाम अधारा। संतों ने कहा है—कलियुग तुम धन्य हो ! क्यों धन्य है ? इसका उत्तर इस पद में दिया गया है— कलियुग […]
दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और साथ ही जाने-अनजाने में किए गए पाप कर्मों के फल भी नष्ट हो जाते हैं। .शास्त्रों में […]
प्रभु श्री कृष्ण जी को अर्जुन सबसे प्रिय इसलिए थे कि वो नर के अवतार थे और श्री कृष्ण स्वयं नारायण थे। आपने नर और […]
विद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥ एक होता है विद्वान और एक विद्यावान । दोनों में आपस में बहुत अन्तर […]