संजीवनी ज्ञानामृत :-"सत्य" भाषण वाणी का तप है, इससे "वाक सिद्धि" जैसी विभूतियाँ प्राप्त होती है, इसलिए सत्य भाषण का… Read More
संजीवनी ज्ञानामृत| "आत्मा" अनंत शक्तियों का भंडार होती हैं। संसार की ऐसी कोई भी शक्ति और सामर्थ्य नहीं, जो इस… Read More
संजीवनी ज्ञानामृत| अपनी हर एक बाह्य परिस्थिति की जिम्मेदारी दूसरों पर मत डालिए, वरन् अपने ऊपर लीजिए। दुनिया को दर्पण… Read More
"शिष्टाचार" का मूल मंत्र है-"अपनी नम्रता और दूसरों का सम्मान" इस कसौटी पर जो जितना खरा उतरता है उसे उतना… Read More
अहंकार" के कारण न केवल मनुष्य जाति हिंसा तथा विनाश का शिकार हुई है बल्कि उसके कारण मनुष्य का नैतिक… Read More
"सत्य" सदैव कल्याणकारी तथा शक्तिदायक होता है। सीधी-सच्ची और सही बात कह देने से मनुष्य की बहुत कम हानि होने… Read More
संपूर्ण मनुष्य जाति एक ही सूत्र में बंधी हुई है । विश्वव्यापी जीव तत्व एक है । आत्मा सर्वव्यापी है… Read More
प्रसन्नता" संसार का सबसे बड़ा सुख है। जो प्रसन्न है, वह सुखी है और जो सुखी है, वह अवश्य प्रसन्न… Read More
परिवार के प्रति हमें सच्चे अर्थों में कर्त्तव्यपरायण और उत्तरदायित्व निर्वाह करने वाला होना चाहिए। आज मोह के तमसाच्छन्न वातावरण… Read More
"शरीर की स्वस्थता," "मन का संतुलीकरण," "परिवार की सुसंस्कारिता," पुण्य-परमार्थ का संपादन," "समाजगत सुव्यवस्था" आदि विषयों पर मनुष्य को आवश्यक… Read More