भागवत कथा

मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष पूर्णिमा २०८० / सत्य को सम्मान के साथ अपनाइए |

संजीवनी ज्ञानामृत :-"सत्य" भाषण वाणी का तप है, इससे "वाक सिद्धि" जैसी विभूतियाँ प्राप्त होती है, इसलिए सत्य भाषण का… Read More

12 months ago

आत्मा में अनंत विश्वास / अर्थात -आत्मविश्वास |

संजीवनी ज्ञानामृत| "आत्मा" अनंत शक्तियों का भंडार होती हैं। संसार की ऐसी कोई भी शक्ति और सामर्थ्य नहीं, जो इस… Read More

1 year ago

आपकी असफलता के लिए / दूसरे ही दोषी क्यों हैं ?

संजीवनी ज्ञानामृत| अपनी हर एक बाह्य परिस्थिति की जिम्मेदारी दूसरों पर मत डालिए, वरन् अपने ऊपर लीजिए।  दुनिया को दर्पण… Read More

1 year ago

मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष प्रतिपदा”संजीवनी ज्ञानामृत”शिष्टाचार” की पाठशाला – “परिवार”

"शिष्टाचार" का मूल मंत्र है-"अपनी नम्रता और दूसरों का सम्मान" इस कसौटी पर जो जितना खरा उतरता है उसे उतना… Read More

1 year ago

संजीवनी ज्ञानामृत/आत्मघाती अहंकार से बचिए।

अहंकार" के कारण न केवल मनुष्य जाति हिंसा तथा विनाश का शिकार हुई है बल्कि उसके कारण मनुष्य का नैतिक… Read More

1 year ago

संजीवनी ज्ञानामृतअसत्य भाषण से अपार हानि

"सत्य" सदैव कल्याणकारी तथा शक्तिदायक होता है। सीधी-सच्ची और सही बात कह देने से मनुष्य की बहुत कम हानि होने… Read More

1 year ago

संजीवनी ज्ञानामृत, समाज में बढ़ती दुष्प्रवृत्तियाँ / हमारी जिम्मेदारी कितनी ?

संपूर्ण मनुष्य जाति एक ही सूत्र में बंधी हुई है । विश्वव्यापी जीव तत्व एक है । आत्मा सर्वव्यापी है… Read More

1 year ago

संजीवनी ज्ञानामृत/प्रसन्न” रहना ईश्वर की कृपा।

प्रसन्नता" संसार का सबसे बड़ा सुख है। जो प्रसन्न है, वह सुखी है और जो सुखी है, वह अवश्य प्रसन्न… Read More

1 year ago

१४ नवम्बर २०२३ मंगलवार/कार्तिक शुक्लपक्ष प्रतिपदा २०८०/संजीवनी ज्ञानामृत‼️/मोहग्रस्त नहीं, विवेकवान बनें।

परिवार के प्रति हमें सच्चे अर्थों में कर्त्तव्यपरायण और उत्तरदायित्व निर्वाह करने वाला होना चाहिए।  आज मोह के तमसाच्छन्न वातावरण… Read More

1 year ago

धन” से महत्वपूर्ण भी बहुत कुछ है।

"शरीर की स्वस्थता," "मन का संतुलीकरण," "परिवार की सुसंस्कारिता," पुण्य-परमार्थ का संपादन," "समाजगत  सुव्यवस्था" आदि विषयों पर मनुष्य को आवश्यक… Read More

1 year ago