(पुण्य कर्म वह श्रेष्ठ होता है जिसमे ” अहंकार ” ना हो , ऐसा पुण्य प्रभु को समर्पित होता है और प्रारब्ध ( भाग्य ) […]
ज्ञान की बात
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संतों की एक सभा चल रही थी। सभा को देख किसी ने एक घड़े में गंगाजल भरकर वहां रखवा दिया ताकि संत जन, जब प्यास […]
एक सेठ था। वह बर्तनों को किराये पर देता था और उनसे कमाई करता था। एक बार किसी को किराये पर बर्तन दिये। वह इन्सान […]