Covid-19 ) सत्संग और अध्यात्म सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग / सत्संग जीवन में लाती है सकारात्मक ऊर्जा। राजीव रंजन प्रसाद
20 मई को जीकेसी के सौजन्य से प्रार्थना एवं सत्संग का आयोजन पटना, 19 मई ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सौजन्य से आगामी 20 मई को प्रार्थना एवं सत्संग का आयोजन किया जा रहा है। जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ की सचिव, कृष्णा कलायन...
Covid-19 ) आइये जानते है शमी व्रक्ष की महिमा ।
स्वर्ण वृक्ष शमी शमी में अग्नि का वास होने से वैदिक काल से ही यज्ञ के लिए अरणी मंथन क्रिया द्वारा इसकी मोटी टहनियों को रगड़कर अग्नि प्रज्वलित की जाती रही है. आज भी पारंपरिक वैदिक पंडित यज्ञ में अग्नि आमंत्रण...
Covid-19 } झगड़े का मूल कारण।
यह कहानी संत के ज्ञान को दर्शाने वाली कथा है क्युकि हमेशा ही ये माना जाता है की संत, गुरु, साधू और मुनि महाराज के पास उन सभी सांसारिक… समस्याओ का तुरंत हल मिल जाता है जिसके बारे में आज लोग और गृहस्थी हमेशा से ही परेशान रहते...
Gyan Ki Baat} श्रेष्ठ पुण्य कर्म/ नेक कर्म ( परोपकार ) करने की इच्छा देविक विचारो जैसे त्याग, प्रेम, दया , संवेदनशीलता , सहयोग की भावना इत्यादि के साथ उत्पन्न व देवता हमारी सुख समृद्धि के देने वाले है ।
(पुण्य कर्म वह श्रेष्ठ होता है जिसमे ” अहंकार ” ना हो , ऐसा पुण्य प्रभु को समर्पित होता है और प्रारब्ध ( भाग्य ) में संचित हो जाता है !) एक गांव मे एक सेठ रहता था जो कि किसी जमाने में बहुत बड़ा धनवान था। परन्तु...
संतो की सभा मिट्टी की घड़े का बोलना/ क्यों हम सबमें शक्ति नहीं होती ईश्वर की लीला समझने की।
संतों की एक सभा चल रही थी। सभा को देख किसी ने एक घड़े में गंगाजल भरकर वहां रखवा दिया ताकि संत जन, जब प्यास लगे तो गंगाजल पी सकें। संतों की सभा के बाहर एक व्यक्ति खड़ा था जीसकी। नजर उस गंगाजल से भरे घड़े को देखा,...
क्या सेठ के बर्तनों ने सच मे दिए थे संतान/ क्या सेठ की चांदी की बर्तन का हुआ था मृत्यु। जानने के लिए इस कहानी को जरूर पढ़ें।
एक सेठ था। वह बर्तनों को किराये पर देता था और उनसे कमाई करता था। एक बार किसी को किराये पर बर्तन दिये। वह इन्सान उससे बर्तन ले गया और किराया दे गया। लेकिन जब उसने बर्तन वापस लौटाये तो दो-तीन बर्तन उसे फालतू दे दिये। वह सेठ...