ज्ञान की बात

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मां तुझको अर्पण मेरे जीवन की फुलवारी है| TODAY,S POEM

 मां तुझको अर्पण मेरे जीवन की फुलवारी है  तुच्छ समर्पण मेरा तुझको मां तु कितनी प्यारी है मस्तक पर कर्तव्य का भार लिए  हाथों में […]

हम कहाँ खड़े हैं ..? समाज और राष्ट्र के लिए हमारा कर्तव्य क्या है ..?

    नैतिकता केवल किताबों में ही अच्छी लगती है, नैतिकता का पालन सत्ता में यदि हो तो राष्ट्र निर्माण होता है। योगिराज भगवान् श्री कृषण […]

हमे सेवा की कद्र करनी चाहिए जब भी सेवा मिले|

 संचित कर्मों का ऐसा ही पहाड़ बना हुआ है जिसमें शुभ अशुभ दोनो ही कर्म हैं  जय सदगुरुदेव ईश्  हमारे कर्म कितने गहरे हैं यह […]

जब तक विकार रुपी १९ ऊँटो को दूर नहीं किया जाए ,तब तक सच्चा सुख शांति ,संतोष व् आनंद की प्राप्ति नहीं की जा सकती | {story}

मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को,19 ऊंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को, और 19 ऊंटों में से पांचवाँ हिस्सा मेरे […]

मुसाफिर हूँ {आज की कविता } Abhilasha Bhardwaaj

मुसाफिर हूँ  अपना सफर है  अपनी ही कहानी लिखता हूँ …… जो छिपी है ,तुझमें असीम गहराइयाँ  उसमें डूब खो जाना चाहता हूँ  मुसाफिर हूँ […]

प्रिय वृक्ष {आज की कविता } ABHILASHA BHARDWAJ

  प्रिय वृक्ष  प्रिय वृक्ष तुम्हारी लता रुपी झरोखों से नित ही मैं सूरज की नृत्य करती रश्मियों को देखकर आह्लादित होता हूँ  ये  नृत्य करती रश्मियाँ […]

विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा ,{आज की कविता } Gyan ki Baat

      विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा  विलुप्त हो रहा  निश्चय तेरा तु निज धर्म भुला कर बैठा,  निज […]

अपनी प्रार्थनाओं में लोगों को सद्बुद्धि मिलने का भी भाव रहना चाहिए Gyan Ganga

आज भारत ही नहीं सारे संसार की बड़ी भयावह स्थिति हो गई है । संसार एक ऐसे बिंदु के समीप पहुँच गया है, जहाँ पर […]