ज्ञान की बात

मुसाफिर हूँ {आज की कविता } Abhilasha Bhardwaaj

मुसाफिर हूँ अपना सफर है अपनी ही कहानी लिखता हूँ ......जो छिपी है ,तुझमें असीम गहराइयाँ उसमें डूब खो जाना चाहता हूँ मुसाफिर हूँ… Read More

10 months ago

प्रिय वृक्ष {आज की कविता } ABHILASHA BHARDWAJ

 प्रिय वृक्ष प्रिय वृक्ष तुम्हारी लता रुपी झरोखों से नित ही मैं सूरज की नृत्य करती रश्मियों को देखकर आह्लादित होता हूँ ये  नृत्य… Read More

10 months ago

अभी उड़ना बाकी है {आज की कविता } Abhilasha Sharma

अभी उड़ना बाकी है उड़ना अभी बाकी है क्यूंकि आशाओं की शान अभी बाकी है थम चुकी भावनाओं का मान अभी बाकी है सपनों… Read More

10 months ago

“अगर तुम समझती मेरी भाषा {आज की कविता } Abhilasha Bhardwaaj

 "अगर तुम समझती  मेरी भाषा             तो जीवन  है हर पल एक प्यारी सी आशा ...  अभिव्यक्ति… Read More

10 months ago

विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा ,{आज की कविता } Gyan ki Baat

     विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा विलुप्त हो रहा  निश्चय तेरातु निज धर्म भुला कर… Read More

10 months ago

नन्हीं चिड़िया abhilasha bhardwaaj

मैं बाग़ की नन्हीं कलियों में " मैं  बाग़  की  नन्ही  कलियों  में  सवेरा निशदिन  ढूंढ कर लाई |   सूरज की… Read More

10 months ago

अपनी प्रार्थनाओं में लोगों को सद्बुद्धि मिलने का भी भाव रहना चाहिए Gyan Ganga

आज भारत ही नहीं सारे संसार की बड़ी भयावह स्थिति हो गई है । संसार एक ऐसे बिंदु के समीप… Read More

10 months ago

मिट्टी की तरह बनकर देखो {लघु कविता}Abhilasha Bhardwaaj

मिट्टी एक जीवन स्वरुप  मिट्टी की तरह बनकर देखो हर सांचे में ढलकर देखो पलती है कर्मठ धरणी परकरने समर्पण जीवन कोदाहकता में… Read More

10 months ago

जीत अहम् नहीं है {लघु कविता } GYAN KI BAAT अभिलाषा भारद्वाज

हार एक पुरुष्कार जीतना अहम नहीं हैजीत के पश्चात यदि अहम हैतो जीत निश्चित ही नहीं है जीत उतनी आनंद दायक नहींजितनी… Read More

10 months ago

समय संपदा का सदुपयोग कीजिए GYAN KI BAT DntvIndiaNews.com

                मनुष्य के पास ईश्वर प्रदत्त पूँजी है - "समय" "समय" संसार की सबसे… Read More

10 months ago