मुसाफिर हूँ अपना सफर है अपनी ही कहानी लिखता हूँ ......जो छिपी है ,तुझमें असीम गहराइयाँ उसमें डूब खो जाना चाहता हूँ मुसाफिर हूँ… Read More
प्रिय वृक्ष प्रिय वृक्ष तुम्हारी लता रुपी झरोखों से नित ही मैं सूरज की नृत्य करती रश्मियों को देखकर आह्लादित होता हूँ ये नृत्य… Read More
अभी उड़ना बाकी है उड़ना अभी बाकी है क्यूंकि आशाओं की शान अभी बाकी है थम चुकी भावनाओं का मान अभी बाकी है सपनों… Read More
"अगर तुम समझती मेरी भाषा तो जीवन है हर पल एक प्यारी सी आशा ... अभिव्यक्ति… Read More
विलुप्त हो रहा निश्चय तेरा,तु निज धर्मं भुला कर बैठा विलुप्त हो रहा निश्चय तेरातु निज धर्म भुला कर… Read More
मैं बाग़ की नन्हीं कलियों में " मैं बाग़ की नन्ही कलियों में सवेरा निशदिन ढूंढ कर लाई | सूरज की… Read More
आज भारत ही नहीं सारे संसार की बड़ी भयावह स्थिति हो गई है । संसार एक ऐसे बिंदु के समीप… Read More
मिट्टी एक जीवन स्वरुप मिट्टी की तरह बनकर देखो हर सांचे में ढलकर देखो पलती है कर्मठ धरणी परकरने समर्पण जीवन कोदाहकता में… Read More
हार एक पुरुष्कार जीतना अहम नहीं हैजीत के पश्चात यदि अहम हैतो जीत निश्चित ही नहीं है जीत उतनी आनंद दायक नहींजितनी… Read More
मनुष्य के पास ईश्वर प्रदत्त पूँजी है - "समय" "समय" संसार की सबसे… Read More