ज्ञान की बात

मन के अनंत स्वरूप

मन को सूक्ष्म रूप शरीर कह सकते हैं। मन के समान चतुर , निडर , शासक भोक्ता अन्य कोई भी…

1 year ago

ओ रोशनी

प्रकाश का उद्देश्य अनंत को प्रकाशित करना ।मृत को प्राणवान करना । इस कविता का भाव यह है कि ओ…

1 year ago

मैं वृक्ष हूं

वृक्ष ही जीवन है अब यह सत्य बात लोगों के लिए मात्र निज स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रयोग में लाई…

1 year ago

ब्रह्माण्ड एक अनंत संकल्प यात्रा

संकल्प यदि दृढ़ है तो बाधाएं भी संघर्ष की विरोधी बन जाती हैं।अनंत के प्रेम को लगन अनंत से मिला…

1 year ago

जीत की ललकार

अधर्म जब अपनी सीमा से ऊपर उठकर चलने लगता है तो परशु धारी परशुराम जैसे गुरुओं और सुदर्शन चक्र धारी…

1 year ago

स्वार्थ में डूबा मोह

आज के समय का मनुष्य मोह,स्वार्थ मिथ्या अहंकार में डूबकर प्रति एक कार्य कर रहा है । उसके भाषण में…

1 year ago

हौंसला रख ।

दुःख की परिस्थिति में अपनी हिम्मत कभी नहीं टूटनी चाहिए। हौंसला मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र है ।

1 year ago

परिवर्तन ही सुधार

मनुष्य के विचारों में यदि प्राण हैं तो वे क्रांति को जन्म देते हैं, क्रांति परिवर्तन करती है। परिवर्तन लहू…

1 year ago

मनुष्य के कर्मों का फल

०६ अगस्त २०२४ मंगलवार- ‼️ -श्रावण शुक्लपक्ष द्वितीया २०८१-

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बात की महिमा

बात की महिमा अनंत अपार है । बात ही कारण और बात ही निराकरण है ऐसी परिभाषा है बात की…

1 year ago