ज्ञान की बात

मां तुझको अर्पण मेरे जीवन की फुलवारी है| TODAY,S POEM

 मां तुझको अर्पण मेरे जीवन की फुलवारी है तुच्छ समर्पण मेरा तुझको मां तु कितनी प्यारी हैमस्तक पर कर्तव्य का भार…

2 years ago

मैंने सुना है …{आज की कविता } abhilasha bhardwaj

मैंने सुना है वो रात के किनारों पर सुनसान अकेली राहों पर मेरे क़दमों में देखि है मैंने वो फड़कती कोंधतीबिजली सी      …

2 years ago

हम कहाँ खड़े हैं ..? समाज और राष्ट्र के लिए हमारा कर्तव्य क्या है ..?

    नैतिकता केवल किताबों में ही अच्छी लगती है, नैतिकता का पालन सत्ता में यदि हो तो राष्ट्र निर्माण होता…

2 years ago

हमे सेवा की कद्र करनी चाहिए जब भी सेवा मिले|

 संचित कर्मों का ऐसा ही पहाड़ बना हुआ है जिसमें शुभ अशुभ दोनो ही कर्म हैं जय सदगुरुदेव ईश् हमारे कर्म कितने…

2 years ago

कभी मौका दो …..{आज की कविता } ABHILASHA BHARDWAJ

 कभी मौका दो खुद को कदम कदम मुस्कुराने का फूल तो हर हाल में मुस्कुराया करते हैं कभी तरीका दो खुद को  वक्त के …

2 years ago

जब तक विकार रुपी १९ ऊँटो को दूर नहीं किया जाए ,तब तक सच्चा सुख शांति ,संतोष व् आनंद की प्राप्ति नहीं की जा सकती | {story}

मेरे 19 ऊंटों में से आधे मेरे बेटे को,19 ऊंटों में से एक चौथाई मेरी बेटी को, और 19 ऊंटों…

2 years ago

क्योँ तुम आज भी {आज की काव्य पंक्तियाँ } abhilasha bhardwaj

 क्योँ तुम आज भी जीवंत ही खड़े हो ....?क्या पीड़ा  से तुम डरे नहीं  .....?क्या पुन्य के प्रभाव गीत तुम…

2 years ago

भुखमरी {आज की कवता } Abhilasha Bhardwaaj

आज हर तरफ भुखमरी देखि है मैंने आँखों में पानी दर्द में सनी लाचारी देखी है मैंने बेजुबानों की बात तो छोड़…

2 years ago

मुसाफिर हूँ {आज की कविता } Abhilasha Bhardwaaj

मुसाफिर हूँ अपना सफर है अपनी ही कहानी लिखता हूँ ......जो छिपी है ,तुझमें असीम गहराइयाँ उसमें डूब खो जाना चाहता हूँ मुसाफिर हूँ…

2 years ago

प्रिय वृक्ष {आज की कविता } ABHILASHA BHARDWAJ

 प्रिय वृक्ष प्रिय वृक्ष तुम्हारी लता रुपी झरोखों से नित ही मैं सूरज की नृत्य करती रश्मियों को देखकर आह्लादित होता हूँ ये  नृत्य…

2 years ago