नई दिल्ली | दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की ताजा रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए दावों की हकीकत उजागर कर दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में न सिर्फ बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है, बल्कि स्वास्थ्य बजट का दुरुपयोग और कुप्रबंधन भी सामने आया है।
AAP सरकार बार-बार यह दावा करती रही है कि दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था देश में सबसे बेहतरीन है, लेकिन CAG की रिपोर्ट ने सरकार की हकीकत सामने रख दी है। विपक्ष ने इस रिपोर्ट को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमला बोला है और स्वास्थ्य सुविधाओं में अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
CAG रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह रिपोर्ट दर्शाती है कि AAP सरकार सिर्फ विज्ञापनों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता दिखाती है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
दिल्ली के कई निवासियों ने भी सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर नाराजगी जाहिर की है। कई लोगों ने बताया कि मोहल्ला क्लीनिकों में डॉक्टर समय पर नहीं आते, जरूरी दवाएं नहीं मिलतीं और टेस्ट कराने के लिए मरीजों को निजी लैब का सहारा लेना पड़ता है।
CAG रिपोर्ट पर विवाद बढ़ता देख आम आदमी पार्टी ने सफाई देते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट सच्चाई से परे है और विपक्ष इसे राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहा है। सरकार ने यह भी दावा किया कि दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाएं देश के अन्य राज्यों से कहीं बेहतर हैं और विपक्ष बेवजह भ्रम फैला रहा है।
CAG रिपोर्ट के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर केंद्र सरकार और जनता की नजरें टिकी हुई हैं। क्या इस मामले में कोई जांच होगी? क्या AAP सरकार अपनी स्वास्थ्य नीतियों में बदलाव करेगी? या फिर यह विवाद महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक ही सीमित रहेगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।