Economic growth, provisions for farmers and impact on the middle class
Report By CMD Gautam Anubhavi : भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2024 को एक संतुलित और समावेशी बजट कहा जा सकता है। यह बजट आर्थिक विकास को नई ऊँचाइयों पर ले जाने, किसानों को सशक्त बनाने और मध्यम वर्ग को राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। आइए इन तीनों पहलुओं पर विस्तृत विश्लेषण करें:
भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बजट 2024 में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, विनिर्माण और डिजिटल इंडिया पर विशेष ध्यान दिया गया है।
आज और कल का फर्क: आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और इन नीतियों से अगले 5-10 वर्षों में इसे तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी।
कृषि क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस बजट में किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई घोषणाएँ की गई हैं।
आज और कल का फर्क: आज किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता, लेकिन सप्लाई चेन को मजबूत करने और एमएसपी बढ़ाने से भविष्य में उनकी आय में 30-40% तक बढ़ोतरी हो सकती है।
मध्यम वर्ग के लिए यह बजट कर राहत और रोजगार के अवसर प्रदान करने वाला साबित हो सकता है।
आज और कल का फर्क: आज मध्यम वर्ग को उच्च करों और महंगाई की समस्या झेलनी पड़ रही है, लेकिन इन योजनाओं के लागू होने से उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
बजट 2024 में आर्थिक विकास, कृषि और मध्यम वर्ग के लिए कई सकारात्मक घोषणाएँ की गई हैं। अगर ये योजनाएँ प्रभावी रूप से लागू होती हैं, तो भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकसित होगी, किसानों की आय बढ़ेगी, और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। यह बजट विकसित भारत के संकल्प को गति देने वाला साबित हो सकता है।