बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने विकास योजनाओं, महिला सशक्तिकरण, और एनडीए गठबंधन को लेकर बड़े फैसले लिए हैं।
- बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 20,000 करोड़ की योजना
नीतीश सरकार ने बिहार के 23 बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं को मंजूरी दी है। इन योजनाओं में सड़क निर्माण, ऊर्जा, जल संसाधन, पर्यटन, और बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य बाढ़ से प्रभावित इलाकों में विकास को गति देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। - महिला वोटर्स को साधने की योजना
राज्य में करीब 2 करोड़ महिला मतदाता हैं, जिनके बीच पकड़ मजबूत करने के लिए सरकार ने ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम की घोषणा की है। इस पहल के तहत जीविका समूहों की मदद से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं से संवाद किया जाएगा। सरकार उनकी समस्याएँ सुनकर उनसे जुड़े कल्याणकारी कार्यक्रमों को और मजबूत करेगी। - एनडीए के साथ गठबंधन की पुष्टि
हाल ही में कई राजनीतिक अटकलों के बीच नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि वे एनडीए (NDA) के साथ ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे बीजेपी के साथ गठबंधन में पूरी मजबूती से बने रहेंगे और साझा रणनीति के तहत चुनावी तैयारियाँ करेंगे। - जातिगत समीकरण और वोट बैंक की रणनीति
बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण बेहद अहम होते हैं। नीतीश कुमार पिछड़ा वर्ग (OBC), अति पिछड़ा वर्ग (EBC), और महिला वोट बैंक को साधने की कोशिश में हैं। उनके हाल के निर्णय इसी दिशा में उठाए गए कदम माने जा रहे हैं। - विपक्ष पर हमले और अपनी छवि मजबूत करने की कोशिश
नीतीश कुमार तेजस्वी यादव और महागठबंधन पर लगातार हमलावर हैं। उन्होंने अपने हालिया बयानों में कहा कि बिहार में ‘सुशासन’ की जरूरत है, न कि ‘परिवारवाद’ की। वे अपनी छवि एक विकास पुरुष और अनुभवी नेता के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव 2025 के मद्देनजर नीतीश कुमार ने विकास, महिला सशक्तिकरण, और गठबंधन राजनीति को केंद्र में रखते हुए अपनी रणनीति बनाई है। देखना दिलचस्प होगा कि यह योजनाएँ बिहार की जनता को कितनी प्रभावित करती हैं और आगामी चुनाव में इसका क्या असर पड़ता है।
आपको क्या लगता है, नीतीश कुमार की यह रणनीति सफल होगी?