Bihar

राज्यव्यापी प्रतिवाद दिवस पर आरा में युवाओं और छात्रों का आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन

आरा/भोजपुर | बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) में हुए ऐतिहासिक घोटाले, परीक्षा प्रणाली में धांधली, और अभ्यर्थियों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में आज आरा में छात्रों और युवाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रतिवाद दिवस के अवसर पर आरा के रेलवे परिसर से शुरू हुआ मार्च केजी रोड होते हुए अंबेडकर चौक पर पहुंचा, जहां सभा का आयोजन किया गया। इस आंदोलन में इंडिया गठबंधन के छात्र-युवा संगठनों के साथ आम नागरिकों ने भी भाग लिया और भ्रष्टाचार व दमन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

सभा में उठीं तीखी आवाजें

सभा की अध्यक्षता युवा राजद भोजपुर जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने की, जबकि संचालन आइसा भोजपुर जिला सह सचिव रौशन कुशवाहा ने किया। सभा को संबोधित करते हुए अगिआंव विधायक और इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सचिव कॉमरेड शिवप्रकाश रंजन ने कहा:
“छात्र-युवाओं ने हाल ही में पटना के डाकबंगला चौराहे पर मुख्यमंत्री आवास घेराव के दौरान सरकार की तानाशाही नीतियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों से संवाद करने को तैयार नहीं हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि बीपीएससी में धांधली और परीक्षा माफिया तंत्र सरकार की शह पर फल-फूल रहा है।”

राजद नेता धनंजय यादव ने कहा कि सरकार की चुप्पी यह साबित करती है कि वह भ्रष्टाचार के दलदल में फंसी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पुलिस दमन के माध्यम से छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

केंद्र सरकार भी निशाने पर

छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक रंजन ने केंद्र की मोदी सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि रोजगार के खोखले वादे और “डिजिटल इंडिया” जैसे नारों के माध्यम से युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी बिहार के घोटालों और भ्रष्टाचार पर चुप हैं और अपनी राजनीतिक रणनीतियों में व्यस्त हैं।

आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी

सभा में युवा राजद के प्रधान महासचिव रजनीश यादव ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने छात्रों की मांगों को जल्द नहीं माना, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा। आरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी कयामुद्दीन अंसारी ने कहा, “यह आंदोलन युवाओं के अधिकारों और न्याय की लड़ाई का प्रतीक बन गया है। सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़नी होगी।”

प्रदर्शन में प्रमुख लोगों की भागीदारी

इस प्रतिवाद मार्च में शैलेंद्र कुमार, रौशन कुशवाहा, आलोक रंजन, भीम यादव, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष आनंद तिवारी, आरवाईए के निरंजन केसरी, आइसा नेता साहिल अरोड़ा और समित कुमार सहित कई प्रमुख नेता और संगठन शामिल रहे।

आंदोलनकारियों ने सरकार से बीपीएससी घोटाले की जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। साथ ही पुलिस दमन को तत्काल समाप्त करने की अपील की।

निष्कर्ष:
बिहार के युवाओं और छात्रों का यह आंदोलन भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है। आने वाले दिनों में यह आंदोलन राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकता है।

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