पेरिस में आयोजित AI एक्शन शिखर सम्मेलन में विश्व के प्रमुख नेताओं और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। इस वैश्विक बैठक में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के पर्यावरणीय प्रभाव, वैश्विक असमानता और मानकों के विकास पर विस्तार से चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में एआई के विकास में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एआई का लाभ सभी देशों को समान रूप से मिलना चाहिए और ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए, जिससे विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा मिले।
राष्ट्रपति मैक्रों ने फ्रांस की स्वच्छ ऊर्जा रणनीति को रेखांकित किया और कहा, “हमें ऐसी तकनीक को बढ़ावा देना चाहिए जो स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित हो और पर्यावरण को नुकसान से बचाए।” इस सम्मेलन में एआई के ऊर्जा खपत, विकासशील देशों के लिए इसके लाभ, और वैश्विक एआई मानकों के विकास पर भी चर्चा की गई।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अत्यधिक विनियमन से बचने की बात कही और चेतावनी दी कि इससे एआई उद्योग की वृद्धि बाधित हो सकती है। उन्होंने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए लचीली नीतियां आवश्यक हैं।
इस शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें तकनीकी क्षेत्र के प्रमुख सीईओ भी शामिल थे। इसका उद्देश्य एआई के जिम्मेदार और समावेशी विकास के लिए वैश्विक सहयोग को मजबूत करना था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान, उन्होंने राष्ट्रपति मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की, जिसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई।
इस शिखर सम्मेलन ने वैश्विक एआई नीतियों के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कार्य किया, जिसमें विभिन्न देशों ने एआई के जिम्मेदार और सतत विकास के लिए अपने दृष्टिकोण साझा किए।