आरा/भोजपुर| राष्ट्रीय जनता दल, बिहार प्रदेश द्वारा देश भर में जातिगत जनगणना की मांग तथा महागठबंधन सरकार के 17 महीनों के “तेजस्वी यादव के सेवाकाल” में बढ़ायी गयी 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसुची में शामिल करने की मांग को लेकर एनडीए सरकार के विरूद्ध आहूत एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के क्रम में राष्ट्रीय जनता दल, भोजपुर जिला इकाई द्वारा भोजपुर जिला मुख्यालय के आरा में धरना दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजद के भोजपुर जिलाध्यक्ष श्री वीरबल यादव ने की वहीं संचालन राजद के भोजपुर जिला प्रधान महासचिव श्री रामबाबू पासवान ने किया।
धरना को संबोधित करते हुए आरा सांसद श्री सुदामा प्रसाद ने कहा कि भारत में जातिगत जनगणना की मांग दशकों पुरानी है। इसका मक़सद अलग-अलग जातियों की संख्या के आधार पर उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण देना और ज़रूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। केंद्र में बैठी एनडीए की सरकार जातिगत जनगणना से डरती है। यह सरकार दलित, महादलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक विरोधी है। वहीं सांसद सुदामा प्रसाद ने यह भी कहा की बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी तब जातिगत जनगणना के सर्वे के आधार पर पिछड़ों के आरक्षण के दायरे को बढ़ाया गया था उसे संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
वहीं दूसरी ओर धरना को संबोधित करते हुए जगदीशपुर के विधायक श्री राम विशुन सिंह उर्फ लोहिया ने कहा की हमारी सरकार ने ओबीसी, एससी और एसटी के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया था। हमारे नेता तेजस्वी यादव ने इसे अनुसूची 9 में शामिल करने की बात कही थी। मामला विचाराधीन है। लेकिन हमलोग जानते थे कि भाजपा ऐसा नहीं चाहती थी। वह आरक्षण को खत्म करना चाहती थी। इसलिए उसने इसे अनुसूची 9 में शामिल नहीं किया।
वहीं धरना को संबोधित करते हुए शाहपुर के विधायक श्री राहुल तिवारी ने कहा की आज पूरे बिहार के जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन है। पहली बार हमारी सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण कराया और उसके बाद आरक्षण को 65 प्रतिशत बढ़ाने का काम किया। और उसके बाद केंद्र सरकार को एक नोट भी भेजा गया कि इस आरक्षण की रक्षा के लिए इसे नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन भारत सरकार ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
वहीं आरा सदर के पूर्व विधायक सह राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मो. नवाज़ आलम उर्फ अनवर आलम ने धरना के माध्यम से सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा की ‘यह साफ दिख रहा है कि भाजपा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़ों, दलितों के खिलाफ हैं और चाहे कुछ भी हो जाए, हमारी पार्टी और हमारे नेता इस आरक्षण को शामिल करेंगे जिसे महागठबंधन सरकार नौवीं अनुसूची में बढ़ाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे पर चुप हैं। वह किसी भी तरह से बस मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता कपिल देव अकेला, पूर्व विधान पार्षद लालदास राय, पूर्व विधायक विजयेंद्र यादव, भाई दिनेश, मुकेश यादव, राजद के भोजपुर जिला प्रवक्ता आलोक रंजन, शैलेंद्र कुमार, जिप अध्यक्ष आशा पासवान, आरती देवी, भोला खान, जहांगीर आलम, प्रो. सियाराम राय, लालबाबू सिंह, अरुण सिंह यादव, मनोज सिंह, हाकीम प्रसाद, रामबाबू सिंह, धनजीत यादव, मुन्ना सम्राट, अमित ठाकुर, रवि यादव, शिव कुमार शर्मा, मंटू शर्मा, जिप सदस्य धनंजय यादव, सोनू रजक, हरिफन यादव, विनोद चंद्रवंशी, हीरा ओझा, मो. सलमान, चिंटू यादव, सुनील यादव, मुन्ना अंसारी, सेराज अंसारी, मो. एकराम आलम, मो. एनामुल हक, मालिक यादव, नंदकिशोर यादव, उत्तम प्रसाद, मदन राय, राजनाथ राम, विजय यादव, श्याम बिहारी चौधरी, अमरेंद्र प्रताप, रवि सागर, शिव परसन यादव, धनु चंद्रवंशी, सत्यनारायण यादव, श्री निवास, मो. सोहैल, सुभाष यादव, भुनेश्वर यादव, रजनीश यादव, शमीम अहमद, जगदीश सिंह, गोरख नाथ यादव, दिवाकर यादव, प्रभुनाथ राय, भीम शंकर यादव, दिलराज प्रीतम, राज गौरव टाइगर, नंदजी यादव, ऋतु देवी, मुराद हुसैन, सीपी चक्रवर्ती, ओम प्रकाश मुन्ना समेत कई लोग उपस्थित थे।