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Biharभाकपा माले

28 जनवरी तक पूरे जिले में जन संकल्प अभियान की हुई शुरुआत / 29 गांधी जी के शहादत दिवस के पूर्व संध्या पर होगी जनसंकल्प सभा|

बड़े लोकतांत्रिक आंदोलन से ही संघ-ब्रिगेड को रोका जा सकता है-स्वदेश भट्टाचार्य/जननायक स्व०कर्पूरी ठाकुर के जन्मशताब्दी जयंती से गांधी शहादत दिवस 30 जनवरी तक माले द्वारा आयोजित संविधान बचाओ-लोकतंत्र बचाओ जन अभियान की शुरुआत आज से किया गया|

आरा सहित जिले विभिन्न जगहों पर भाकपा-माले ने मनाया कर्पूरी जन्मशताब्दी समारोह!
आरा सहित जिले विभिन्न जगहों पर भाकपा-माले ने मनाया कर्पूरी जन्मशताब्दी समारोह!

आरा/बिहार| में भाकपा माले जिला कार्यालय सहित जिले के अगिआंव,सहार,पीरो,तरारी, चरपोखरी,गड़हनी,जगदीशपुर, कोईलवर सहित सभी प्रखण्डों के विभिन्न जगहों पर कर्पूरी जयंती मनाई गई!आरा में भाकपा-माले जिला कार्यालय श्रीटोला में जन्मशताब्दी समारोह मनाया गया!इस दौरान उनके चित्र माल्यार्पण अर्पित कर उन्हें एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई!उसके बाद सभा आयोजित की गई!माल्यार्पण अर्पित करने वाले में पोलित ब्यूरो सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य,केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव,राज्य कमेटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी,इंनौस राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन,आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार,जिला कमेटी सदस्य राजनाथ राम,जितेंद्र सिंह,चंदन कुमार,बालमुकुंद चौधरी,अभय कुशवाहा,विकास कुमार,सुशील पाल,अजय गांधी,राजेंद्र यादव,बब्लू गुप्ता,संतविलास राम,मिल्टन कुशवाहा,हरिनाथ राम,सुरेश पासवान,रौशन कुशवाहा,कृष्णरंजन गुप्ता,भीम पासवान,जयशंकर प्रसाद,अनुप कुमार,कमलेश कुमार आदि कई लोग शामिल थे!कार्यक्रम का संचालन भाकपा-माले नगर सचिव दिलराज प्रीतम ने किया!

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए  भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य व वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देना,महान समाजवादी प्रतीक के लिए देर से ही सही,सबसे उपयुक्त घोषणा है!उत्पीड़ितों के आजीवन समर्थक और सामाजिक समानता,राजनीतिक स्वतंत्रता और व्यापक न्याय के लिए योद्धा,कर्पूरीजी न केवल उत्पीड़ितों के लिए आरक्षण की नीति के अग्रणी वास्तुकारों में से एक थे,बल्कि उन्हें वंचितों के लिए लोकतंत्र की प्रेरणा के रूप में भी याद किया जाएगा!

यदि इस मोदी युग में कर्पूरी ठाकुर जीवित होते, तो उन्हें निश्चित रूप से ‘राष्ट्र-विरोधी आंदोलनजीवी’ करार दिया जाता और किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए यूएपीए के तहत जेल में डाल दिया जाता है!समाजवादी-साम्यवादी एकता के महान समर्थक,कर्पूरीजी आज संविधान को बचाने और भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर फासीवादी हमले को विफल करने की लड़ाई में हमारा नेतृत्व कर रहे होते!यह व्यापक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक खेमे,खासकर समाजवादियों और कम्युनिस्टों की जिम्मेदारी है कि वे जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रेरक विरासत को आगे बढ़ाएं!