सभ्यता और शिष्टाचार किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने वाले दो अनमोल रत्न हैं। इन दोनों का पारस्परिक संबंध इतना घनिष्ठ है कि एक […]
Daily Archives: January 29, 2025
आरा: भोजपुर जिले के गीधा गांव में नाबालिग बच्ची से हुए जघन्य बलात्कार के बाद इंसाफ मंच की टीम ने गांव का दौरा किया और […]
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा द्वारा लगाए गए आरोपों को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने फर्जी और निराधार करार दिया है। राजद के मुख्य […]
नागा साधुओं के वस्त्र त्यागने के पीछे केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि गहरी आध्यात्मिक समझ और वैराग्य की भावना छिपी होती है। वे इस भौतिक संसार से पूरी तरह मुक्त होकर केवल आत्मा, शिव और ब्रह्म की साधना में लीन हो जाते हैं।
भारतीय आध्यात्मिक परंपरा के रहस्यमयी संन्यासी नागा साधु हैं, जो कठोर तपस्या और साधना के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। उनका जीवन रहस्य, वैराग्य और तपस्या का अद्भुत मिश्रण है
ऐतिहासिक पहल, जो न केवल राज्य को खेलों के क्षेत्र में पहचान दिलाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को भी खेलों के प्रति प्रेरित करेगा।
सद्गुरु की कृपा से ही जीव इस संसार से छूटने का मार्ग जान सकता है।
मौनी अमावस्या का दिन आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य अर्जित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन किए गए स्नान, दान और मंत्र जप से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।