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छोटी कंगनी स्वस्थ (आहार पद्धति)

“स्वस्थ जीवन सुखी संसार ”
यह कहावत आज उनके ही सत्य जिनके के लिए जीवन अमूल्य है । जितनी जल्दी हम अपनी सेहत के लिए सजग होंगे उतने ही अधिक प्रफुल्लित होंगे ।

ओ रोशनी

प्रकाश का उद्देश्य अनंत को प्रकाशित करना ।मृत को प्राणवान करना । इस कविता का भाव यह है कि ओ प्रकाश यद्यपि तु प्रकाशवान है और तेरा प्रण अज्ञान रूपी अंधेरे को नष्ट करना है,फिर भी मेरे लिए तु धीरे धीरे चल ताकि मैं भी तुम्हारे साथ चल सकूं ।

कांगनी/काकूम (मोटा अनाज

इस जीवन को जितना सादगी से जिया जाएगा यह उतना ही प्रफुल्ल और आनंदित होगा । भोजन हमारे तन मन दोनों को प्रसन्न और सार्थक बनाने में अहम भूमिका निभाता है ।

मैं वृक्ष हूं

वृक्ष ही जीवन है अब यह सत्य बात लोगों के लिए मात्र निज स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रयोग में लाई जा रही है। वृक्षों की व्यथा कौन सुने सब आडम्बर की अटारी पर चढ़ कर बैठे हुए हैं। विकास तो सबको सूझ रहा है परंतु आंतरिक दुःख से हर कोई अनभिज्ञ है ।

तृण धान्य(सिरिधान्य)

लोगों में बढ़ती हुई शारीरिक , मानसिक दुर्बलता का एक मात्र कारण है हमारा आहार विहार। जहां ये दोनों संतुलन में यदि आ जाएं तो सब कुछ ठीक स्वत: हो जाता है। पुराने अनाजों की ओर आईए और जीवन को स्वस्थ, सबल बनाइए।

नाग पंचमी

भारत भूमि देवत्व की प्रतिमूर्ति है। यहां हम अपने आस पास के हर जीव में ईश्वरत्व के दर्शन करते हैं। उनमें एक विशेष हैं नाग देवता जिनके पूजन और अर्चन का विधान हमारे पुराणों में वर्णित है। नाग पंचमी श्रावण मास की पंचमी तिथि को पूरे भारत में अलग अलग विधाओं में मनाया जाता है।

जीत की ललकार

अधर्म जब अपनी सीमा से ऊपर उठकर चलने लगता है तो परशु धारी परशुराम जैसे गुरुओं और सुदर्शन चक्र धारी भगवान श्री कृष्ण को प्रथ्वी पर आना ही पड़ता है। फिर विजय की ललकार से अधर्म क्षत विक्षत हो जाता है।

RJD's Rajya Sabha MP Shri Sanjay Yadav

बिहार फ़ाइलों में रंगीन वास्तव में black and white|सांसद

पटना/बिहार | राजद के राज्यसभा सांसद श्री संजय यादव ने राज्यसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि जनसंख्या की दृष्टि से बिहार […]