त्योहार

14 वर्षों के वनवास फिर भरत मिलाप, क्या प्रशंग है गले मिलकर रो पड़े दोनों भाई|झांकी

आरा/भोजपुर| भरत मिलन की झांकी | रात्रि पहर ढोल ताशा और मनोरम झांकियां के साथ भरत मिलन के लिए रमना मैदान आरा से नगर रामलीला समिति के प्रावधान में निकाली गई. शहर के विभिन्न मोहल्लों से कई संस्थाओं द्वारा आकर्षक झांकियां निकाली गई झांकी में सैकड़ो की संख्या में सदस्यों के अलावा हजारों की संख्या में सहरवासी भी मौजूद थे भरत और राम के मिलन कि परंपरा सदियों से आरा शहर में धूमधाम से मनाई जाती है झांकी शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए रामगढ़िया में जाकर समापन हुई. रास्ते में तिलहा जलेबी मिठाई गोलगप्पे और भी खाने पीने की चीज सजाई गई थी|
लोग अपने दरवाजे और छत से झांकी का इंतजार कर रहे थे .झांकी आने पर लोग जय श्री राम के नारे लगाए .रास्ते में जगह-जगह पर भगवान राम की आरती उतारी गई और फूल बरसाया गया. समिति के अध्यक्ष सोनू राय ने कहा की प्रभु श्री राम से आज भरत का मिलन देख मन प्रसन्न हो गया बरसों से यह परंपरा हमारे शहर में मनाई जाती है इस साल शहर वासियों का सहयोग ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया है उम्मीद है|
आगे भी ऐसा ही प्यार और सहयोग मिलेगा. समिति के संरक्षक मंडल में हकीम प्रसाद ,शत्रुघ्न प्रसाद ,रामेश्वर प्रसाद, आलोक अंजन, अध्यक्ष सोनू राय, उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, सनी शाहबादी, सचिव शंभू नाथ प्रसाद, कोषाध्यक्ष मदन प्रसाद, रामजी प्रसाद ,विजय भारती, गौतम उर्फ़ राजा ,राजेश कुमार ,गोपाल प्रसाद, मनोज कुमार ,शंभू नाथ केसरी, शैलेंद्र राम, दिलीप गुप्ता, शैलेश जी, एवं रोटी बैंक के कार्यकर्ता शामिल थे .कार्यक्रम के प्रवक्ता पंकज प्रभाकर ने यह सारी जानकारी दी|