100 years of Mahatma Gandhi becoming Congress President"
कर्नाटक: कांग्रेस ने महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल पूरे होने के अवसर पर बेलगावी में मंगलवार को एक भव्य रैली का आयोजन किया। रैली का नाम “जय भीम, जय बापू, जय संविधान” रखा गया, और इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैली में भाषण देते हुए कहा कि भाजपा पिछले कई सालों से संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि अगर देश में संविधान नहीं होता, तो देश में अराजकता फैली होती। खड़गे ने यह भी कहा कि यही कारण है कि आजकल लोग महात्मा गांधी को याद करते हैं और उनके योगदान, बलिदान और उनके कार्यों का सम्मान करते हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रैली में कहा कि महात्मा गांधी एक सच्चे हिंदू थे और कांग्रेस गांधी के हिंदुत्व में विश्वास करती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गांधी जी हमेशा भगवान राम का नाम लेते थे और नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी की हत्या के बाद गांधी जी ने “हे राम” कहा था। सिद्धारमैया ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा गांधी को हिंदू विरोधी के रूप में पेश किया, लेकिन यह आरोप 100 प्रतिशत झूठे हैं।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी गांधी जी के सिद्धांतों पर जोर दिया और कहा कि भले ही गांधी जी की मृत्यु हो गई हो, उनके मूल्य आज भी जीवित हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह पूरे राष्ट्र के लिए है। शिवकुमार ने गांधी के नेतृत्व और अहिंसा आंदोलन को दुनिया के सभी नेताओं द्वारा स्वीकार करने की बात भी की और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम गोडसे पार्टी के किसी भी बयान को नहीं सुनना चाहते, जो स्वतंत्रता संग्राम और बलिदान के बारे में अनजान हैं।
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा वाले मनुवादी हैं और हमें संविधान की रक्षा करनी होगी। उन्होंने गांधी के हिंदुत्व के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि गांधी जी ने हमेशा हिंदू धर्म में सुधार की बात की थी, और उनका उद्देश्य हिंदू धर्म के भीतर भाईचारे को बढ़ावा देना था। सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि गांधी ने सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि प्रशासन के बारे में भी दिशा-निर्देश दिए थे और मंत्रियों को उचित व्यवहार की सीख दी थी। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस गांधी के हिंदुत्व में विश्वास करती है, जबकि भाजपा समाज को बांटने का काम करती है।
प्रियंका खड़गे ने भी इस अवसर पर भाजपा की आलोचना की और कहा कि वे संविधान की किसी भी गलत व्याख्या को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने विशेष रूप से अमित शाह की संविधान के बारे में की गई टिप्पणियों का विरोध किया और कहा कि अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के बारे में किसी भी तरह की गलत व्याख्या नहीं की जाएगी।
कांग्रेस का “जय बापू, जय भीम, जय संविधान” अभियान 27 दिसंबर से शुरू होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। इस अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी की विरासत और संविधान को बचाने के लिए हर ब्लॉक, जिले और राज्य में रैलियां आयोजित करने का निर्णय लिया था। जयराम रमेश ने बताया था कि अगर जरूरत पड़ी, तो अभियान 26 जनवरी के बाद भी जारी रह सकता है।
कांग्रेस का बेलगावी अधिवेशन 1924 में हुआ था, जो महात्मा गांधी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था। बेलगावी के तिलकवाड़ी इलाके में स्थित विजयनगर में यह अधिवेशन हुआ था, जहां आज भी उस अधिवेशन की याद दिलाने के लिए एक कुआं मौजूद है। गांधी जी ने इस अधिवेशन में खर्चों पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि उन्होंने देखा कि आदर्श रूप से इस अधिवेशन को सादगी से आयोजित किया जाना चाहिए था। गांधी जी ने आयोजकों से सजावट पर खर्च की गई राशि कम करने की अपील की थी, और प्रतिनिधि शुल्क को घटाकर 10 रुपए से 1 रुपए करने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण कार्यक्रम स्थगित होने पर भाजपा ने राहुल गांधी पर तंज कसा था। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा था कि देश शोक में है, जबकि राहुल गांधी पार्टी करने के लिए विदेश गए हैं, और राहुल गांधी के लिए “LOP” का मतलब “लीडर ऑफ पार्टिंइंग” है।
इस रैली और अभियान के माध्यम से कांग्रेस पार्टी ने महात्मा गांधी की सोच और भारतीय संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया है।