नई दिल्ली | राष्ट्रीय कॉंग्रेस के विचार विभाग की वरिष्ठ उपाध्यक्षा डॉ.जया शुक्ला ने स्व. श्री रतन टाटा जी के दिवंगत होने पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए इसे देश के लिये क्षति बताया।
डॉ.शुक्ला ने कहा कि श्री टाटा अपनी ईमानदारी, मानवता, सम्वेदना और व्यापारमेँ सिद्धांतपूर्ण व्यवहार के लिये जाने जाते थे। अडानी-अंबानी जैसे व्यापारियोँ के कालखन्ड मेँ ऐसे उद्योगपतियोँ की आवश्यकता है।
डॉ.शुक्ला ने बताया कि श्री रतन टाटा को यह गुण उनकी पीढ़ियोँकी विरासत से मिले थे। श्री जमशेदजी टाटा ने मुम्बई के एक ब्रिटिश होटल पर लिखे “भारतीयोँ और कुत्तोँ का प्रवेश वर्जित” का बदला लेने को वहीँ उससे बड़ा ताज होटल बनाया और देशके सम्मान की रक्षाकी, यद्यपि उनका व्यापारक्षेत्र दूसरा था। तबसे हर पीढ़ी उनके आदर्शोँ का पालन करती आई, कई समाज कल्याण के कार्य चलते रहे। टाटा के उत्पाद इतनी ईमानदारी और गुणवत्ता से बने होते थे कि उन्हेँ विज्ञापन की आवश्यकता नहीँ थी, नाम ही काफ़ी रहा।
डॉ. शुक्ला ने कहा कि अपने कर्मचारियोँ की सुविधा और रिटायरमेँट के बाद की सहूलियतोँ तक का बहुत ध्यान टाटा ग्रुप रखता रहा, इसीसे, वहाँ श्रमिक आंदोलन नहीँ थे, जबकि अन्य उद्योगोँ मेँ आन्दोलन होते रहते थे। आज की डूबती अर्थव्यवस्था की स्थिति मेँ ऐसे उद्योगपतियोँ की कितनी आवश्यकता है, यह बताने की आवश्यकता नहीँ है।