पटना : प्रदेश मुख्य प्रवक्ता डॉ शशिकांत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के जो नतीजे गुरुवार को घोषित किये गए, उस सर्वे में बिहार की राजधानी पटना दस लाख से ऊपर की आबादी वाले देश के 47 शहरों में सबसे नीचे पायदान पर रहा। इसके अलावा 100 से ज्यादा अर्बन लोकल बॉडीज वाले 12 राज्यों में बिहार सबसे नीचे पायदान 12वें नंबर पर रहा। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि पर पटना की मेयर सीता साहू काफी उत्साहित हैं।उन्होंने खुशी में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री,नगर विकास सचिव एवम नगर निगम के सभी सदस्य अधिकारी को इस अद्भुत कीर्तिमान के लिये उनके अविश्वसनीय सहयोग और जमीनी प्रयास की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए समस्त राजधानी वासी को शुभकामनाएं दी हैं। सच मे यह उपलब्धि साधारण नहीं है।वर्षों की कठिन मेहनत, दुर्निवार हिम्मत,अदम्य इक्षाशक्ति और एकनिष्ठ लगन का प्रतिफल है कि स्मार्ट सिटी पटना सबसे गंदा शहर बना है।स्वछता अभियान की ऐसी की तैसी। मेयर की खुशी बता रही है कि ये उनका सपना था।सपने पूरे हो जाने की खुशी ही अलग होती है।
डॉ शशिकांत ने कहा कि ये विडंबना है इस शहर का एवं राज्य का कि ऐसे मेयर एवं पूरी महकमा जो इतनी विफलता के बावजूद अपनी पीठ थपथपाती है। जहाँ इस विफलता पर इन्हे शर्म आनी चाहिए थी वहाँ ये शुभकामनायें दे रहीं। मै तो कहता हूं कि मेयर अपने शुभकामना संदेश में थोड़ा चूक गयी।उन्हें लिखना चाहिय था कि गंदा रहना हमारी संस्कृति है।गंदगी हमारे सभ्यता का पैमाना है।हमे गर्व है हम गंदे हैं पूरे भारत मे सबसे गंदे,पारंपरिक गंदे।गंदगी धर्मनिरपेक्ष भी होती है और शर्मनिरपेक्ष भी। हम दोनों हैं।आगे उन्होंने कहा कि अभी भी श्रीमती सीता साहू, मेयर एवं नगर निगम सहित नगर विकास विभाग चेत जाये और इस शहर को स्वच्छ एवं स्मार्ट बनाने में अपने कर्तव्य का समुचित पालन करे।