“सुन्दर देहि देखकर उपजत हैं अनुराग”। “चाम न होता देही पर जीवित खाते काग”।।

कबीर परमात्मा इस वाणी में कहते हैं कि हे मानव तू इस सुंदर देह का अहंकार करता है अगर भगवान इसके ऊपर चमड़े की परत न देता तो काग जीवित ही नोचते तुझे। यह शरीर परमात्मा ने आपको भक्ति करके यहाँ के 84 लाख जीवन की दुर्गति से पीछा छुड़ाने के लिए दिया है।
आज हम अपने सुंदर शरीर को देखकर बहुत इतराते हैं, लेकिन जब हमारा अंत समय अर्थात मृत्यु होती है तब यह सुंदर शरीर आग में जलाया जाता है तब कोई भी सुंदरता हमें बचा नहीं सकती, समय रहते अगर हमने असली परमात्मा की भक्ति नहीं की तो यह सुंदर शरीर किसी काम का नहीं !!
*#जय_श्री* *#सदगुरुदेव_भगवान_की_जय_हो।।

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