सपा/कांग्रेस – महागठबंधन की टूटी गांठ, मन मुताबिक बाँट रहे सीट अखिलेश|कांग्रेसी नेताओं ने अखिलेश पर लगाया दवाब का कयास |
कुछ कांग्रेसी और अखिलेश यादव की पार्ट्री के नेताओं का कहना है की कि अखिलेश यादव किसी दबाव में काम कर रहे हैं।अखिलेश यादव ने I.N.D.I महागठबंधन से दूरी बना ली है दोनों के बीच गठबंधन टूटने की अभी कोई पक्की घोषणा सामने नहीं आई है | सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फिलहाल मात्र अपने दल सहित चुनाव लड़ने का फैसला किया है |
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महागठबंधन की टूटी गाँठ{ अखिलेश /राहुल } |
सीटों के बंटवारे में पक्षपात
दरसल मसला ये है की समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को जिन सीटों का ऑफर दिया है वे सभी सीटें काफी कमजोर हालत में बताई जा रही हैं | उन सीटों के उम्मीदवारों के जीतने की बहुत कम सम्भावना जताई जा रही है |
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का मानना है की ऐसा करके अखिलेश अपने मन के मुताबीक उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारना चाहते हैं | और कांग्रेस पूरी तरह उनके सामने झुक जाए और उनके ही बताए अजेंडे पर चले | जिससे अन्य दल खिसिया कर खुद ही दल से बहर हो जाए ,,गठबंधन सैदव के लिए नष्ट हो जाए यह भी एक दम सचसच ही है गठबंधन टूटने से मात्र कांग्रेस पार्ट्री को ही सबसे अधिक नुक्सान होगा | कांग्रेस का मानना है की अखिलेश ने अपनी किसी सोची समझी निति के तहत ही ऐसा किया है |
कांग्रेस जिला सहारनपुर की सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाहती थी, किन्तु अखिलेश ने वह सीट भी कांग्रेस के पाले में नहीं डाली ..दोनों पार्टियाँ यदि मिलकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारें तो जी की सम्भावना अधिक है | पर अखिलेश यादव इस मूड में नजर नहीं आ रहे है |अखिलेश यादव सहारनपुर की सीट भी कांग्रेस को देने को तैयार नहीं हैं |
दूसरी और अखिलेश यादव के दवाब में आकर सीट बटवारे के काम के आरोप को एक दम बेबुनियाद बताते हुए अखिलेश की पार्टी के एक नेता का कहना है की पिछले सत्रों के किये गए गठबंधन से किसी भी पार्टी को कोई लाभ नहीं हुआ और वह रणनीति असफल ही साबित हुई
इसके अतिरिक्त सपा , बसपा , कांग्रेस व अन्यों दलों के साथ आने पर भी किसी दल को हार के अतिरिक्त कुछ हासिल नही हुआ |समय को देखते हुए ही सीटों का बटवारा किया जा रह है |