सतनामी समाज के लिए मुख्यमंत्री ने ₹90 लाख की लागत से सामुदायिक भवन का उद्घाटन किया
गुरु घासीदास जयंती 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सतनामी समाज के लिए किया बड़ा ऐलान
छत्तीसगढ़:- गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम बहुत खास रहा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में गुरु घासीदास जी के “मनखे-मनखे एक समान” के संदेश पर जोर दिया और कहा कि आज उनका यह संदेश समाज को एकजुट करने का काम कर रहा है।
सतनामी कल्याण समिति द्वारा कोरबा में आयोजित तीन दिवसीय गुरु घासीदास जयंती समारोह के दौरान मुख्यमंत्री साय ने लगभग ₹90 लाख की लागत से सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया और सतनामी समाज को रियायती दरों पर जमीन आबंटन करने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर समाज को शिक्षा, एकजुटता और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे गुरु घासीदास जी की जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने का अवसर मिल रहा है।” उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गिरौदपुरी और अन्य स्थानों के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि एक साल में जो भी वादा किया गया था, उसे पूरा किया गया है। इसके अलावा, पीएम आवास, धान खरीदी, तेंदूपत्ता मजदूरी और महिलाओं के खातों में वित्तीय सहायता जैसी योजनाओं का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने समाज को नई शिक्षा नीति और उद्योग नीति का लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि गरीबों, युवाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए ये नीतियां बहुत फायदेमंद हैं। उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर उद्यम के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने की अपील की।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू, उद्योग मंत्री लक्ष्मणलाल देवांगन, और समाज के अध्यक्ष यू आर महिलांगे सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि भाजपा सरकार गुरु घासीदास जी के संदेश “मनखे-मनखे एक समान” के मार्ग पर चल रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का विकास हो रहा है।
मुख्य घोषणाएँ:
₹90 लाख की लागत से सामुदायिक भवन का उद्घाटन।
सतनामी समाज को रियायती दरों पर जमीन आबंटन।
शिक्षा, उद्योग और समाज के समग्र विकास पर जोर।
पिछले वादों को पूरा करने का आश्वासन और राज्य के विकास के लिए निरंतर प्रयास।
यह आयोजन गुरु घासीदास जी के संदेश को फैलाने और सतनामी समाज के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।