भाकपा माले

सांसद सुदामा प्रसाद ने आपदा प्रबंधन विधेयक पर उठाए सवाल, गंगा कटाव रोकने की मांग!

भोजपुर में बाढ़ से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत: भाकपा-माले।

आरा/भोजपुर। भाकपा-माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को बताया कि लोकसभा के शीतकालीन सत्र में आरा लोकसभा सांसद सुदामा प्रसाद ने लोकसभा में आपदा प्रबंधन संशोधन विधेयक 2024 पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि आपदाओं की संख्या कम करने के बारे में या जिन वजह से आपदाएं आ रही हैं उन वजहों को साफ करने की दिशा में कदम बढ़ाने के बाद अगर इस विधेयक में यह बात रहती तो हम जरूर इसका समर्थन करते लेकिन यह सीरे से गायब है!

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई खनिजों का उत्खनन,पहाड़ों की कटाई और कार्बन उत्कर्ष उत्सर्जन फोकस करने की जरूरत है!अभी छत्तीसगढ़ के अंदर हंसदेव प्रोजेक्ट चल रहा है!वहां कॉर्पोरेटों द्वारा कोयले का खनन करने के लिए हरे भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है!इस तरह से ग्रेट निकोबार के नाम पर वहां के मूल आदिवासियों को दूसरे जगह विस्थापित करके लाखों करोड़ों पेड़ों की कटाई की योजना बन रही है!अंडमान निकोबार भारत का फेफड़ा है इसे अमेज़न कहा जाता है मुझे लगता है कि इन चीजों पर रोक लगाने से ही दरअसल स्थाई तौर पर आपदा का प्रबंधन होगा!हमने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने,दुर्व्यवहार करने का नतीजा उत्तराखंड के जोशीमठ में देखा गया कि वहां प्रलयकारी भूकंप आया था!

भूस्खलन एवं बादल फटना था!सिलक्यारा में सुरंग में 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे थे!यह इसी नतीजा था!ये आपदाएं प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित है!इस पर रोक लगाने के लिए नीतिगत फैसला लेना होगा!इसमें सिर्फ राहत की बात हो रही है!आगे उन्होंने कहा कि भोजपुर जिले में एक तरफ सोन नदी है तो दूसरी तरफ गंगा नदी!कभी-कभी ऐसा होता है कि दोनों नदियों में भयंकर बाढ़ आती है!पिछले दिनों गंगा नदी में जो बाढ़ आई उसमें दर्जनों लोगों की डूबने से मौत हो गई!शाहपुर के जवनिया और बड़हरा के खवासपुर में 64 घर गंगा की गोद में समा गए!अभी तक इन विस्थापित परिवारों को बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया!जिन मछुआरों ने वहां नावें चलायी थी,उनका पैसा नहीं मिला!जिन लोगों ने सामुदायिक किचन का पैसा लगाया उसको पैसा नहीं मिला!