त्योहार

सबसे बड़ा पुण्य (दान)

श्रावणी अमावस्या हरियाली तीज के पावन अवसर पर शुभ कर्मों का दान ही महाकल्याण के द्वार खोल देता है। वैसे तो शुभ मुहूर्त हो या कोई पुण्य त्यौहार हमारे पूर्वज पूर्व काल से ही शुभ कामनाओं को शुभ पुण्य के द्वारा पूर्ण करते आए हैं। मंगल मुहूर्त और पवित्र स्थान ये दोनों ही विशेष महत्वपूर्ण हैं । शुभ काल में किया गया शुभ कर्म विशेष फल दाई होता है,अभीष्ट की सिद्धि होती है।हमारे शास्त्रों एवं पुराणों में आदि अनादि काल से शुभ पर्व मनाए जाते रहे हैं। विधाता ने हर प्रश्न का समाधान अपनी सबसे प्रिय कृति मानव को अपनी वाणी और वेद शास्त्रों के माध्यम से दिया है। ऐसे ही शुभ कर्म है जिसे दान कहा जाता है। दान की महिमा अपार है। एक से बड़े एक दानी हुए हैं जिनके बारे लिख पाना असम्भव है। फिर भी कुछ नाम जैसे ,, महावीर कर्ण , सत्यवादी महादानी राजा हरिश्चंद्र , महर्षि दधीचि आदि ।

महापुरुष जितने भी हुए सभी दानी ही हुए सभी ने इस धरा को किसी न किसी रूप में अपना सर्वस्व दान किया । जगत का कल्याण किया । मानव मात्र के हृदय को अनंत आनंद का भागीदार बनाया । आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति भूला हुआ है कि वह अपने आप को अपने परिवार को किस तरह संभाले यही उधेड़ बुन रात दिन उसे सोने भी नहीं देती । पर मुश्किल तो कुछ भी नहीं है। बस आज के मानव ने प्रश्नों से लड़ना छोड़ दिया है उनको सुलझाना छोड़ दिया है। हमारी समस्याओं का समाधान हमारे ही पास है। तो आइए हम सब मिलकर एक छोटा सा प्रयास जिसमें हम सब का कल्याण निहित है । और हिंदुत्व की पहचान है । दान करें पुण्य के भागी बनें ।

भूखी गौ माता को भोजन दें । उनकी सेवा करें । उनको शरण दें यदि हम समर्थ हों तो। अपनी आय का हर माह में थोड़ा हिस्सा ज़रूर निकालें । सही अर्थ में दान के लिए हम कोई समय न ढूंढें जब मन करे तब कर सकते हैं। शुभ कर्म में विचार नहीं तत्काल कर लेना चाहिए ऐसा शास्त्रों में वर्णित है। गौ माता की सेवा करना हर मानव का परम कर्तव्य है। आप के आस पास गौ माता नहीं हैं तो आप सेविंग कर सकते हैं और जब भी परिवार के साथ भ्रमण पर जाएं तो उस दान से मां के लिए अपना कर्तव्य निभाएं। आपको संशय है कि आपके दिए गए दान का दुरुपयोग न हो तो आप स्वयं सेवा करें चोकर की बोरी ले जाकर डलवा दें । ये सब से सही है फिर एक दम निश्चिंत रहेंगे की आपकी खून पसीने की कमाई उस स्थान पर व्यर्थ नहीं गई । तो आइए फिर गौ माता की सेवा करें। अपना जीवन सफल बनाएं । जय गौ माता जय गोपाल : लेखक : अभिलाषा