सकारात्मकता ।

दुःख में सुख खोज लेना, हानि में लाभ खोज लेना, प्रतिकूलताओं में भी अवसर खोज लेना इस सबको सकारात्मक दृष्टिकोण कहा जाता है। जीवन का ऐसा कोई बड़े से बड़ा दुःख नहीं जिससे सुख की परछाईयों को ना देखा जा सके। जिन्दगी की ऐसी कोई बाधा नहीं जिससे कुछ प्रेरणा ना ली जा सके।
        रास्ते में पड़े हुए पत्थर को आप मार्ग की बाधा भी मान सकते हैं और चाहें तो उस पत्थर को सीढ़ी बनाकर ऊपर भी चढ़ सकते है। जीवन का आनन्द वही लोग उठा पाते हैं जिनका सोचने का ढंग सकारात्मक होता है।
        इस दुनिया में बहुत लोग इसलिए दुखी नहीं कि उन्हें किसी चीज की कमीं है अपितु इसलिए दुखी हैं कि उनके सोचने का ढंग नकारात्मक है। सकारात्मक सोचिए एवं सकारात्मक देखीए। इससे आपको अभाव में भी जीने का आनन्द आ जायेगा।
       आपकी ख़ुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आपके पास कितनी सम्पत्ति है अपितु इस बात पर निर्भर करती है कि आपके पास कितनी समझ है।
*🌺शुभसंध्या🌺* *🔴::”जय श्री कृष्णा “::🔴*
*‼️राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ‼️*
*‼️सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने‼️*
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DNTV इंडिया NEWS

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