शुक्लपुरा के पावन धरती पर आयोजित कथा का आज दूसरा दिन है। कल कथा वाचक लेखक-कवि निलय उपाध्याय द्वारा सृष्टि की उत्पत्ति, शिव की उत्पत्ति, गंगा की उत्पत्ति के साथ प्रलय के संकेतों व चित्र के सहारे बताया कि गंगा के चार संकट है- बंधन, विभाजन, प्रदूषण व गाद, गंगोत्री के बाद गंगा कहां-कहां पर बंधी है। कहां-कहां प्रदूषित व किस तरह गाद जम रही है। इस पर विश्लेषण व दायित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि कथा वाचन करने में मुझे अच्छा लग रहा है। गंगा के लोगों के बीच गंगा का सत्य पहुंचाना ही मेरा दायित्व है। क्यों कि गंगा का दान हूं मैं।
वही कथा के संयोजक नव॔देश्वर शुक्ला जी ने बताया कि गंगा यात्री की कथा गांव में लोगों को पसंद आ रही है, पूरे इलाके में इस कथा की चर्चा है। जो लोग बिहार को विनाश से बचाना चाहते है वह गंगा यात्री की कथा को ज़रूर सुनें।
मिडिया प्रभारी अजय साह (बाॅलीवुड अभिनेता) ने मीडिया के बंधुओं से अपील करते हुए कहा कि गंगा मईया को बचाने केलिए समाचार को जन जन पहुंचाने में सहयोग करें।
आपको बता दें कि गंगा कथा सुनने दूर-दूर से लोग पधारे है। कथा समाप्त होने के बाद भी गांव वाले निलय उपाध्याय से तरह-तरह के सवाल पूछते हुए देखे गए।
उपस्थिति लोगों में अशोक शुक्ला, काशी शुक्ला, ई.संजय शुक्ला, सोहन साह, कमेश्वर शुक्ला, मोहन शुक्ला, अमरेश कुमार सिंह(पत्रकार), सुखनंद शुक्ला, अनंत शुक्ला, दिवाकर
शुक्ला, ओ.पी.पांड़े(फ़िल्म-सिरीयल निदेशक), नरेंद्र सिंह (पत्रकार), सोना यादव, नव॔देश्वर शुक्ला, बड़कु शुक्ला, अरूण शुक्ला, राम किशोर शुक्ला, मोती लाल यादव, जनक शुक्ला, गामा शुक्ला, कोमल शुक्ला, बिटेस शुक्ला, भीम शुक्ला, नंद शुक्ला, राम किशुन राम, हृदय शुक्ला, मीरा देवी, बिंदा देवी, कमलावती देवी, श्रुति कुमारी, शारदा देवी सहित अनेक श्रोता-जन मौज़ूद रहे।