तेरे हस ते हुए चेहरे को देखकर खुश हो जाता हूं,
बस यही देखकर खुद से बातें करने लगता हूं ।
मायूस ना होना कभी मुझसे वादा कर
खिल कर बरसना हर जगह ये मुझसे वादा कर ।
होता हूं उदास जब तू नहीं होता पास ,
कम अच्छे लगते हैं मुझे ये दुनिया के रस्मों रिवाज़ ।
तू मिला तो ज़िंदगी संवरने लगी ,
हर जगह तेरी तस्वीर नज़र आने लगी ।
करने लगा मैं सजदे हर रोज़ खुदा के दर पर,
तू हो जाए मुक्कमल तेरी हर ख्वाहिश के सफर पर।
तेरी एक एक ख्वाहिश के लिए दो जहां वार दूं ,
बन सकूं इस काबिल के तेरे काबिल बन सकूं ।
तेरी दोस्ती में मेरे खुदा का नूर है ,
नूरों का नूर खुदा का कोहिनूर है ।
हम तेरे काबिल नहीं ये तो जानते हैं
तेरे खुशनुमा दर्द का राज़ भी जानते हैं ।
रचनाकार : अभिलाषा शर्मा 💕
आरा में विहंगम योग के माध्यम से आत्मा के ज्ञान और ध्यान साधना पर जोर | Read More
धरना व्यवसायियों के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों की आवाज बुलंद करने की दिशा में एक अहम कदम साबित… Read More
सहारा भुगतान सम्मेलन की तैयारी में जुटे नेता, पटना में 5 जनवरी को होगा बड़ा आयोजन Read More
हाईवे पर गैस टैंकर हादसा Read More
भोजपुरी को राजभाषा दर्जा देने की अपील Read More
17 जनवरी को जिला मुख्यालयों पर धरना, 15 मार्च से राज्यव्यापी सदस्यता अभियान शुरू होगा Read More