आज शनिवार है और हिन्दू पंचांग के माध्यम से कृष्ण जन्माष्टमी के दूसरे दिन और आज ही के दिन सदाफल देव जी महाराज की जन्मजयंती गुरु शिष्यों के उत्साह को दुगुना कर दिया है।
वैसे तो गुरु से शिष्यों की प्रेंम तो ऐसा होता है मानो जैसे अपने ही शरीर का अंग हो। समय मे प्रेमि शिष्यों की पहचान रोज समय से सत्संग में आ जाने और गुरु का गुणावाद से आध्यात्मिक अनुभव मिलने लगता है विहंगम योग सनातन विद्या है जन्म जयंती महोत्सव पुरे एक पखवाड़े तक देश विदेश में मनाया जा रहा है।
विहंगम योग की मेडिटेशन अद्भुत है इसके परिणाम तुरंत मिलना शुरू हो जाता है देश विदेश के अनेक बैज्ञानिकों ने इसके मेडीटेशन पर शोध किया औऱ पाया है कि दश मिनट की विहं गम योग की साधना सभी साधना में सर्वाधिक चेतन आनंद देने वाला है यह कोई नया पंथ नही है यह सनातन पुरातन वैदिक है आज आरा में इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक विकास में एक अध्याय जुट गया है।