राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण संस्थान और इप्टा द्वारा श्रद्धांजलि व विचार गोष्ठी का आयोजन में।
आरा/भोजपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 74 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण संस्थान और इप्टा द्वारा जयप्रकाश नारायण स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि सभा और विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित शहर के सामाजिक कार्कर्ताओं, बुद्धिजीवियों एवं बच्चे, बच्चियों ने तीन घंटे का उपवास रख, पहले पूर्वाह्न 11 बजे दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
शहर के शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कलाकारों सहित कई अन्य द्वारा सर्वप्रथम महात्मा गांधी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित किया गया।
तत्पश्चात सुशील कुमार द्वारा उपस्थित सभी नागरिकों को गांधी जी के आदर्शों पर आजीवन चलते रहने का संकल्प दिलाया गया।
वरिष्ठ गायक नागेन्द्र नाथ पांडेय के नेतृत्व में इप्टा के बाल कलाकारों ऐशना राज, अंशिका कुमारी, ममता कुमारी, शीतल, अरण्या शिवाली, शुभम सोनी द्वारा गांधी जी के प्रिय भजन “वैष्णव जन तो तेने कहिये” और “रघुपति राघव राजा राम” सहित अन्य भजनों की प्रस्तुति किया गया।
मंच संचालन और विषय प्रवेश करते हुए संस्थान के महासचिव सुशील कुमार ने कहा कि गाँधी जी केवल एक व्यक्ति नहीं अपितु एक विचारधारा थे। आज पूरा विश्व उनके सिद्धान्तों के आगे नतमस्तक है।
डॉ.नीरज सिंह, पूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, वीर कुँवर सिंह विश्विद्यालय ने कहा कि गाँधी जी की अद्भुत क्षमता और नेतृत्व के गुणों को देखकर महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि 100 सालों के बाद कोई इस बात पर विश्वास ही नहीं करेगा कि गाँधी जी जैसा कोई इनसान इस धरती पर जन्म लिया था।
गाँधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्गों पर चलकर भारत को एक नई दिशा प्रदान की हैं।
जनहित परिवार के सचिव अतुल प्रकाश ने कहा कि बस कुछ लोगों द्वारा ही वर्तमान पीढ़ी के मन में गाँधी जी के प्रति भ्रम फैलाया जा रहा है जो अत्यंत दुखद और निंदनीय है।
तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि गाँधी जैसे लोग मरते नहीं। केवल राष्ट्र ही नहीं अपितु पूरी दुनिया के लिए वे पूजनीय हैं ।
रंगकर्मी लक्ष्मण दूबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सब का यह दायित्व है कि गाँधी के विचारों और कार्यों का अनुपालन ईमानदारी से करें।
यथार्थ के सचिव भास्कर मिश्र ने कहा कि गाँधी जी ने समस्त विश्व को सत्य, अहिंसा, आत्मनिर्भरता, सरल जीवन, परधर्म सहिष्णुता और आत्मानुशासन की उच्च परिभाषा से परिचित कराया।
पूर्व प्रमुख राणा प्रताप सिंह ने कहा कि हमें गाँधी जी के दिखाए मार्ग पर अपने कर्मों से चलना चाहिए।
एआईटीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मानव ने कहा कि गाँधी जी ने अपने उच्च स्तरीय विचारों और कृत्यों से जो एक रेखा खिंच दी है, उसे मिटाना असम्भव है।
सामाजिक कार्यकर्ता सरफराज अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि एक विशेष धर्म के प्रति समाज में दुष्प्रचार कर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का घृणित कार्य किया जा रहा है।
उपवास एवं गोष्ठी में प्रमुख रूप से गुलाबचंद प्रसाद, वार्ड पार्षद समीम आरवी, सुनील श्रीवास्तव,रवि वारसी,पूर्व वार्ड पार्षद नाथू राम,अशोक सिंह,कमलेश कुन्दन,विजय मेहता, प्रह्लाद सिंह,श्रीधर,सुधीर कुमार शर्मा,डी राजन,राजा वसंत,मनोज सिंह,अशोक कुमार तिवारी,अंजनी शर्मा, राजेश कुमार,मनोज कुमार सिंह,अखिलेन्द्र कुमार सिंह,आकाश दीप,हरेंद्र कुमार बिहारी,रामदयाल प्रसाद,प्रजापति प्रसाद, कुमार,संजीत कुमार, अनन्या, गुलाबचन्द प्रसाद, संगीत कुमार, आदि शामिल थे।