सहारनपुर/उत्तर प्रदेश| हजारों महिलाओं से ठगी करने वाले मास्टरमाइंड को थाना सदर बाजार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से साढ़े पांच लाख रुपये बरामद किए गए हैं। बिहार के रहने वाले आरोपी ने फर्जी कंपनी बनाकर महिलाओं से फ्रॉड किया था और लाखों रुपये लेकर अपने सहयोगियों सहित फरार हो गया था। आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में कई और खुलासे किया है।
घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 25000 हज़ार की पुरुष्कार राशि दी गई है। एसपी सिटी ने प्रेसवार्ता के दौरान आरोपी द्वारा किये गए ठगी प्रकरण में मामले का खुलासा किया है। जिसमे कुछ पत्रकारों की संलिप्तता भी सामने आई है। प्रेसवार्ता में एसपी सिटी ने बताया कि इसके कुछ सहयोगी हैं, विवेचना में जिस-जिसका नाम सामने आएगा उसके कार्रवाई की जाएगा। मामले में कुछ पत्रकारों के नाम सामने आये हैं। विवेचना की जा रही है। जैसे ही उनके खिलाफ मजबूत साक्ष्य मिलेंगे तो उनके खिलाफ़ कार्यवाही की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले माह फर्जी कंपनी बनाकर महिलाओं से ज्वाइनिंग के नाम पर 2400 रुपये प्रति महिला इकट्ठा कर फरार होने का मामला काफी सुर्खियों में रहा था। जिसपर महिलाओं ने काफी हंगामा किया था। ठगी को लेकर खाताखेड़ी निवासी शाइस्ता परवीन ने मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए ठगी के मास्टरमाइंड दीपक सिंह उर्फ कुमार शानू उर्फ कन्हैया को अरेस्ट किया है। पुलिस इससे पूर्व में इसके सहयोगी बिहार के रहने वाले आदर्श कुमार पुत्र विजय कुमार को पकड़कर जेल भेज चुकी है। जिससे लाखों रुपये बरामद हुवे थे।
प्रकरण में एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक द्वारा की गई प्रेसवार्ता में बताया गया कि थाना सदर बाजार पुलिस ने बिहार के जिला खगड़िया थाना गोगरी के गांव छोटी चक के रहने वाले दीपक सिंह उर्फ कुमार शानू उर्फ कन्हैया को अरेस्ट किया है। बताया गया कि आरोपी 10वीं तक पढ़ा हुआ है। लेकिन ठगी का प्लान एमबीए के छात्र की तरह किया था। आरोपी ने किसी भी दस्तावेज पर अपनी पहचान उजागर करने वाला कोई कागज नहीं लगाया। आरोपी दीपक सिंह ने दिल्ली रोड पर एशियन इंटरप्राइजेज के नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी। महिलाओं को रोजगार देने के लालच देकर 2400 रुपए प्रति महिला के हिसाब से लिए थे। एक किलो ऊन देकर फूल बनाने का काम दिया था। जिसमे हजारों महिलाओं को जोड़ा गया था। पुलिस इससे पहले बिहार के रहने वाले आदर्श कुमार पुत्र विजय कुमार को जेल भेज चुकी है। जिसके खिलाफ शाइस्ता परवीन ने मुकदमा दर्ज कराया था। बताया गया आरोपी दीपक यूपी समेत बिहार, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में फर्जी कंपनी खोलकर महिलाओं से ठगी कर चुका है। जिसको लेकर इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल भी जा चुका है। ठगी का मास्टरमाइंड दीपक सिंह ने 10वीं की परीक्षा एमएसआर सैनिक स्कूल से 2016 में पास की थी।
उसके बाद पटना में एक कंपनी में कर्मचारी के तौर पर काम करने लगा। इस कंपनी में भी उसने लोगों के साथ फ्रॉड किया था। वहां से फ्रॉड करने का तरीका सीखा और नौकरी छोड़कर खुद की फर्जी कंपनी बनाई। लोगों से फ्रॉड करने लगा।
▪️पूछताछ में ठगी के मास्टमाइंड दीपक सिंह ने बताया कि उसकी मां ब्लॉक प्रमुख रह चुकी है। पिता डाक विभाग में कर्मचारी है। 2017-18 में झारखंड के डोरांडा रांची में फ्रॉड किया था। 10 दिन तक रांची जेल में रहा। फिर बिहार के दरभंगा में फ्रॉड किया और 7 दिन दरभंगा जेल में रहा। उसके बाद राजस्थान के बीकानेर आया। 2022 में यहां भी इसी प्रकार फ्रॉड किया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह ठगी के मामलों में बीकानेर जेल में ढाई महीने रहा। उसके बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में 2023 में एक फ्रॉड किया। यहां भी तीन माह तक रायपुर के सेंट्रल जेल में रहा। आरोपी बीकानेर व रायपुर जेल में गलत नाम पते से गया था। क्योंकि आरोपी के पास दूसरों के नाम के आधार कार्ड मिले थे। जो आरोपी ने बनाए थे। पुलिस ने आधार में नाम और पता समझकर चालान कर दिया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि 26 अप्रैल को वो सहारनपुर आया था। 27 अप्रैल को एक रिक्शा वाले को झांसे में लिया। उसकी आईडी पर एक सिम लिया। उसी सिम से लोगों को फोन करता था। फिर रेलवे स्टेशन पर मिले एक युवक से 4 सिम ओर खरीदवाए। उसने कंपनी का दफ्तर खोलने के लिए जगह की तलाश की और दिल्ली में रहने वाले एक दोस्त आदर्श को लेकर दिल्ली रोड पैरामाउंट में 12 हजार रुपए किराए का मकान लिया। जिसमे उसने एशियन इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी का कार्यालय खोला। महिलाओं के लिए स्कीम चलाई। दोस्त को ही कंपनी का मालिक बताया। मकान मालिक से किराये का एग्रीमेंट भी अपने विनोद नाम के दोस्त के नाम पर कराया। पुलिस को पूछताछ में बताया कि कंपनी खोलने के बाद उसे कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ी जिसके उसने OLX पर जॉब ऐड चलाया। 20 से 25 लोग ऑफिस में नौकरी दी। सेल्स हैड अंकित और कैशियर अली के अलावा 12 लोग काम के लिए रखे। उसने दिल्ली से ऊन मंगवाई। महिलाओं को ऊन देकर छोटे-छोटे गोले बनाने के बदले रोजगार देने और पैसा देने का वादा किया। आरोपी एक महिला से 2400 रुपए रजिस्ट्रेशन के नाम पर लेता था। एक जुलाई 2024 को काम शुरू किया। नई महिलाओं को जोड़ने पर 400 रुपए कमीशन दिया जाता था। अपने बचपन के दोस्त आदर्श को अपनी फर्जी कंपनी में पार्टनर रखा। सीधी और अनपढ़ महिलाओं को टारगेट किया और लाखों कमाने के सपने दिखाए।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसके मोबाइल में एक ऐप है। जिसमें आधार कार्ड में करेक्शन कर अपलोड करता है और उसका इस्तेमाल करता है। अलग-अलग नाम से आधार कार्ड तैयार कर इस्तेमाल करता था। दुकान के लिए भी मकान मालिक को अपने दोस्त अनुराग नाम का फर्जी आधार कार्ड दिया था। यही नही फर्जी दस्तावेज के आधार पर ही अंबाला रोड स्थित महाराष्ट्र बैंक में दीपक के नाम से बैंक अकाउंट खुलवाया था। पुलिस को आरोपी के पास से दीपक, रवि और अंजली नाम के आधार कार्ड बरामद हुए है जो फर्जी तरीके से बनाये गए थे। ठग दीपक सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने अकाउंट से अपने दोस्त आदर्श को लाखों रुपए दिए है। एक पत्रकार को भी दो से ढाई लाख रुपए कई बार दिए । तथाकथित पत्रकार ने अन्य पत्रकारों एंव पुलिस प्रशासन को मैनेज करने की जिम्मेदारी ली थी। उस पत्रकार के कारण ही ठगी का कारोबार सही चला। उसने काफी सहयोग किया।