महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाय से /महत्वपूर्ण बातें।
आज महापर्व छठ की शुरुआत नहाय खाय से होना है उससे पहले हम आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें बता रहे है जिसे हर छठ का त्योहार मानने वालों को छठ पूजा करते समय किन बातों पर रखे ध्यान जानना चाहिए।
क्यों पड़ा नहाय खाय का नाम।
महापर्व छठ चार दिनों का होता है जिसमें पहला दिन नहाये खाए के नाम से किया जाता है। इस चतुर्थी पर्व के पहले दिन को नहाये खाये कहा जाता है आपको नाम से समझ आ रहा होगा कि पहले दिन का क्या विध होगा। खैर हमको बता दें कि छठ व्रत रखने वाले श्रद्धालु स्नान करके भोजन करते हैं। आम दिनों में भी लोग स्नान करके भोजन करते हैं लेकिन इस दिन का कुछ विशेष रीति रिवाजों और नियमों का पालन करना होता है, इसलिए इसे नहाय खाय नाम दिया गया है।
छठ मैय्या का पूजा में कोई कसर न रह जाये इसके लिए कुछ बातों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
नहाय खाय से पहले अपने घर को सुबह उठकर घर को साफ सुथरा कर ले फिर नदी, तालाब, कुएं में नहाकर साफ कपड़े धारण करना चाहिए।
हो सके तो निकट गंगा नदी में ही स्नान करने का प्रयास करें, इस दिन गंगा स्नान करना विशेष शुभ माना जाता है। ऐसे में साफ सफाई पर विशेष ध्यान व पूजा की किसी भी वस्तु को जूठे या गंदे हाथों से ना छूएं इसका ध्यान रखना होता है।
पहले सूर्य भगवान को भोग लगाये फिर छठ व्रतियों में इस्त्री पुरूष भोजन ग्रहण करे। इस दिन व्रती सिर्फ एक ही बार भोजन ग्रहण करते हैं।
इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि घर के बाकी सदस्य व्रती लोगों के भोजन करने के बाद ही खाएं। घर के बाकी सदस्य भी वही खाना खाते हैं जो व्रती खाते हैं।
इस दिन लगभग हर व्रती के घर मे ही दाल और लौकी शुद्ध घी में सब्जी बनाते और ग्रहण करते हैं। इस भोजन को बनाने में सेंधा का शुद्ध नमक से बनाये जाते है।