भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति दिसानायक का भारत में गर्मजोशी से स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना, जो दोनों देशों के संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच आर्थिक, सुरक्षा, और सांस्कृतिक साझेदारी को नई ऊर्जा देने वाला बताया। उन्होंने भविष्य के लिए एक फ्यूचरिस्टिक विज़न साझा किया, जिसमें फिज़िकल, डिजिटल और एनर्जी कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी जाएगी।

प्रमुख घोषणाएं:
- इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा सहयोग:
- श्रीलंका के लिए इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कनेक्टिविटी और मल्टी-प्रोडक्ट पेट्रोलियम पाइपलाइन।
- सामपुर सोलर पावर प्रोजेक्ट को तेज़ी से लागू करने का निर्णय।
- विकास और शिक्षा सहयोग:
- श्रीलंका के 25 जिलों में विकास परियोजनाएं।
- जाफना और पूर्वी प्रांतों के 200 छात्रों को छात्रवृत्ति।
- श्रीलंका में यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट के लिए सहयोग।
- सुरक्षा और क्षेत्रीय शांति:
- कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव के अंतर्गत रक्षा और समुद्री सुरक्षा पर सहयोग।
- आतंकवाद और साइबर सुरक्षा से निपटने के लिए साझा प्रयास।
- संस्कृति और पर्यटन:
- रामेश्वरम-तलाईमन्नार फेरी सेवा की शुरुआत।
- बौद्ध सर्किट और रामायण ट्रेल पर काम।
मानवीय और समावेशी दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने श्रीलंका में तमिल समुदाय की आकांक्षाओं और समावेशी विकास पर भी चर्चा की। उन्होंने श्रीलंका सरकार से संविधान के पूर्ण क्रियान्वयन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की प्रतिबद्धता को पूरा करने की अपेक्षा जताई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत श्रीलंका के विकास में हमेशा एक भरोसेमंद साथी बना रहेगा।