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Bihar

बोले बिहार, बदलें सरकार, कांग्रेस महागठबंधन 2020 विधानसभा का घोषणा पत्र व बिहार की जनता को दिया गया संदेश। अजय साह।

दिनांक 21/10/2020 को पटना के कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम के सभागार में कांग्रेस महागठबंधन द्वारा ‘बदलाव पत्र 2020’ के माध्यम से बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस महागठबंधन सरकार मुख़्य कार्यों को लेकर बिहार की जनता के सामने जाऐगी। 

पुस्तक का लोकार्पण व लोकार्पण सभा में उपस्थित लोगों में नेता-अभिनेता राज बब्बर, राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, पूर्व केरल राज्यपाल निखील कुमार, सुबोधकांत सहाय जी,तारिक़ अनवर और रिसर्च विभाग चेयरमैन आनंद माधव आदि प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।
किसी भी पार्टी का घोषणापत्र एक तरह से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनके द्वारा 5 साल में जो भी कार्य बिहार की जनता के हित में किये जाएंगे उसका दर्पण होता है।

2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस महागठबंधन सरकार जीतकर जब बिहार विधानसभा में आग़ाज़ करेंगी तो बिहार को तरक्की के लिए अनेक कार्य किये जाएंगे। इस समय बेरोज़गारी, महिला के विरूद्ध बढ़ते अपराध, श्रमिकों का पलायन, कुपोषण, क़ानून व्यवस्था आदि अनेक समस्याएं पिछले सरकार में देखने को मिलीं, जिसे कांग्रेस महागठबंधन सरकार अपने घोषणा पत्र में जिन-जिन बातों का ज़िक्र किया है उन्हें 5 सालों से पहले बिहार की धरती पर क्रियान्वित कर दिया जाएगा।

वैसे देखा जाए तो सभी घोषणाएं बहुत ही महत्वपूर्ण है। हम बारी-बारी से समझने की कोशिश करेंगे ताकि आप सभी बिहार की जनता, कांग्रेस महागठबंधनों द्वारा जो घोषणाएं किये जा रहे है उसे अच्छी प्रकार समझे और साथ ही सरल तरीके से, फिर उन कांग्रेस महागठबंधन के उम्मीदवारों को जीता कर विधानसभा में भेजने का संकल्प लें।
आज़ सिर्फ बाईसवीं “बिहार
में मद्य-निषेध” की चर्चा करेंगे। 13 फरवरी 2020 को भोजपुर के सदर अस्पताल में नोडल पदाधिकारी से मिल कर शराब बंदी को लेकर जो बातचीत हुई थी उसका रिपोर्ट बना कर सभी भोजपुर के अख़बारों में दिया गया था परन्तु किसी अख़बार ने नहीं छापा। वहीं प्रेस विज्ञप्ति हूबहू इस घोषणा पत्र के साथ अटैच कर भेज रहा हूं।
दूसरी बात मेरे कुछ मित्रों का कहना है कि जब से शराब बंदी हुई है हमारे कंपनी की जो मिंटींग बिहार में 6 से 7 बार होती थी वह अब एक बार भी नहीं होती कारण यह है कि हमारे बड़े साहब लोगों का कहना है कि मिटींग के बाद सोने से पहले सिर्फ दो पैक शराब पी लेने से पुरे दिनभर की थकान मिट जाता है और रात में सोते वक़्त निंद भी अच्छी आती है।
मेरे साथी ने बताया कि अब हमारी मिटींग बनारस या कलकत्ता में होता है। आप सोचिए होटल का बिजनेस और सरकार को इससे कितनी हानी होती होगी।
नकली शराब पीकर ना जाने कितनी मौतें हो रही है। यहीं हाल गुजरात का भी है वहां तो डबल दाम पर होम डिलीवरी होती है शराब का।
मुंबई से ज़्यादा ख़पत शराब का सिर्फ गुजरात में होती है।
अंधे-बहरे-गूंगी हो चुकी यह सरकार को समझाया नहीं जा सकता।
             (बाईसवीं)
      “बिहार में मद्य-निषेध”
     पर महागठबंधन सरकार   
              की सोच:-
✓हमारी सरकार बिहार के वर्तमान शराब बंदी क़ानून की समीक्षा करते हुए इसमें आवश्यक सुधार करेंगी जिससे राज्य के ग़रीब एवं असहाय लोगों के साथ न्याय
हो सकें।
एक आंकड़े के अनुसार 1 अप्रैल 2016 से लेकर 31 अगस्त 2020 तक तीन लाख़
से अधिक लोग शराब बंदी के केस में गिरफ़्तारी हो चुकी है।इनके परिवार दर-दर की ठोकरें खाने को मज़बूर हैं।
सही मायने में मद्य-निषेध केवल कागज़ों तक ही सीमित है चुकी है और इसी के नाम पर एक समानांतर अर्थव्यवस्था पुलिस एवं माफिया के सांठ-गांठ से सरकार के साथ चल रही है।
इससे सरकारी कोष में तो घाटा हो रहा है और साथ ही साथ सरकार सकारात्मक उद्देश्यों से भटक रही है। पुलिस के सहायता से यह अवैधानिक व्यापार राज्य के पंचायती स्तर पर भी पनप रही है।
बेरोज़गारी युवक भी इस अवैधानिक व्यापार की ओर
आकर्षित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश दलित,महादलित टोला के परिवार शामिल हैं।
पुलिस का सारा ध्यान जघन्य 
एवं आम अपराधों से हट कर
उत्पाद शुल्क एवं वस्तुओं की ओर ज़्यादा दिख रहा है (यानि पुलिसीयां विभाग शराबी को पकड़ने की वजाय मुंह सूंघ रही है और धनोपार्जन कर रही है)।
फलस्वरूप पुलिस एवं प्रशासन को तो व्यक्तिगत लाभ हो रहा है, लेकिन हमारी मासूम जनता लगातार प्रताड़ित हो रही है।
प्रतिदिन का अख़बार देख ले इसमें शराब-अफिम-गांजा-
चरस आदि के अनेक समाचार दिखते हैं।
  # हमारा नारा होगा#
  “युवा-बुजुर्ग को समझाएंगे,
   मद्यपान को धीरे-धीरे ख़त्म 
              कराएंगे”
   महागठबंधन सरकार इस
   पर चिंतन-मनन कर उचित
        क़दम उठाएगी। 
 
स्पेशल नोट👉 न‌ई बिहार सरकार जब बनती है तो शराब का लाईसेंस देने से पहले ज़रूर सोचें।
सदियों और शताब्दीयों से शराब का प्रमुख बिजनेस ‘सूढ़ी(शौण्डिक)समाज’ करता आ रहा है। हमारे पूर्वजों पर शराब को बेचने को लेकर फ़ब्तियां कसीं  जाती रही है और अनेक तरह के कष्ट भी सहे है हमारे ‘सूढ़ी समाज’ ने। विश्वास ना हो तो 
Google पर Search कर के देख सकते हैं।आज़ के दौर में भरसक यह प्रमुख बिजनेस हो गया है पर सरकार को हमारे पूर्वजों के धंधे को किसी और को बेचने का लाईसेंस देने का कोई हक़ नहीं है। सनद रहे की किसी भी वैश्व को पंडिताई करते नहीं देखा गया है तो फिर हमारे-आपने
धंधे को कोई दूसरा समाज क्यों बेचेगा??
बिहार सरकार शराब के धंधे
का लाईसेंस देने से पहले कम से कम 75% लाईसेंस ‘सूढ़ी 
समाज’ को ही मिलना चाहिए।
जब हम किसी दूसरे समाज के लोगों का धंधा नहीं करते तो किसी को हमारा धंधा करने का भी हक़ नहीं है।
विश्वास नहीं हो तो झारखंड और उड़ीसा में देख सकते है।
न‌ई बिहार सरकार 2020 में जिसकी भी बनेगी उस सरकार को यह अधिकार 75% पर हम ‘सूढ़ी समाज’ को देना होगा,अगर ऐसा नहीं होता है तो हम ‘सूढ़ी समाज’ आंदोलन करने पर मज़बूर हो जाएंगे।  
        आपका साथी:-
          अजय साह
(रंगकर्मी-बाॅलीवुड अभिनेता)
        स्वतंत्र पत्रकार
  ‘जनहित परिवार पत्रिका’
नोट👉साथियों आप सभी तब तक इसकी चर्चा दूसरे-तीसरे-चौथे साथियों के साथ करें,जिसे कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाए घोषणा-पत्र,  बिहार की जनता में उल्लास लेकर आए। ऐसा पूरा विश्वास है।आप सभी इसका मंथन करें और कल इसके आगे तीन महत्वपूर्ण घोषणा- पत्र में दिए गए ‘तेईसहवीं’, ‘चौबिसहवीं’ और ‘पचीसहवीं’ घोषणाओं के साथ उपस्थित होंगे वह है-
“पेयजल उपलब्धता”,
“खेल-कूद (क्रीड़ा)”और “आपदा जोख़िम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन” की रुपरेखा लेकर आपके समक्ष प्रस्तुत होंगे।तब तक कांग्रेस गठबंधन द्वारा की गई घोषणाओं की चर्चा करते रहे और साथ ही कांग्रेस गठबंधन की सरकार को भारी मतों से वोट देकर विधानसभा में भेजने की कृपा करें में।धन्यवाद।।
  जय बिहार जय कांग्रेस
  जय जवान जय किसान